चुनावी माहौल में राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाज़ी तो चलती रहती है। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के “2002 में दंगाइयों को सबक सीखने” वाले बयान पर पलटवार किया है।
गुजरात के जुहापुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए AIMIM प्रमुख ओवैसी ने कहा कि अमित शाह ने रैली के दौरान बयान दिया कि उन्होंने 2002 में गुजरात के दंगाइयों को सबक सिखाया है। उन्होंने कहा कि मैं अमित शाह को बताना चाहता हूं कि आपने 2002 में जो सबक सिखाया था वह यह था कि बिलकिस के बलात्कारियों को आप मुक्त करेंगे। आपने जो सबक सिखाया वह यह था कि आप बिलकिस की तीन साल की बेटी के कातिलों को रिहा करो। तुमने हमें यह भी सिखाया कि अहसान जाफरी को मारा जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा, याद रखिये सत्ता की कुर्सी सबसे छीन जाती है। सत्ता के नशे में गृहमंत्री कह रहे हैं कि सबक सिखाया…अमित शाह साहब, आपने क्या सबक सिखाया कि 2020 में दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगे हुए? आपने 2020 में दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगो के दंगाइयों को सनक सिखाया?
दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात में पहले असामाजिक तत्व हिंसा में लिप्त होते थे और कांग्रेस उनका समर्थन करती थी लेकिन 2002 में “सबक सिखाने” के बाद, अपराधियों ने ऐसी गतिविधियां बंद कर दीं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में “स्थायी शांति” कायम की। गुजरात में फरवरी, 2002 में गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में आग लगने की घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।