ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार के मुस्लिम महिला अधिकार दिवस मानाने के फैसले पर तीखा तंज कसा है। देश में 1 अगस्त 2019 में ‘तीन तलाक’ (तलाक-ए-बिद्दत) विरोधी कानून लागू हुआ था। इस मौके पर केंद्र ने 1 अगस्त को मुस्लिम अधिकार दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया।
केंद्र के इस फैसले पर एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने रविवार को केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि यह कानून असंवैधानिक है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। यह समानता के खिलाफ है, मुसलमानों को बदनाम करता है। क्या मोदी सरकार केवल मुस्लिम महिला (अधिकार) दिवस मनाएगी? हिंदू, दलित और ओबीसी महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में क्या?
सरकार आज “मुस्लिम महिला अधिकार दिवस” मना रही है।मोदी मुस्लिम ख़वातीन से हमदर्दी का ढोंग कर रहे हैं।मोदी जी, 7 साल से मुस्लिम ख़वातीन अपने अधिकारों के लिए लड़ रहीं हैं। इस “दिवस” के बहाने ही सही, आपको इनकी बातें सुननी चाहिए। pic.twitter.com/1YaWyl36wR
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 1, 2021
उन्होंने कहा,इस कानून से मुस्लिम महिलाओं का और अधिक शोषण होगा और उनकी समस्याओं में इजाफा होगा। केवल मामले दर्ज किए जाएंगे और कोई न्याय नहीं दिया जाएगा। मुसलमानों ने इसे जमीनी स्तर पर स्वीकार नहीं किया।
इसके आलावा उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, सरकार आज “मुस्लिम महिला अधिकार दिवस” मना रही है। मोदी मुस्लिम ख़वातीन से हमदर्दी का ढोंग कर रहे हैं। मोदी जी, 7 साल से मुस्लिम ख़वातीन अपने अधिकारों के लिए लड़ रहीं हैं। इस “दिवस” के बहाने ही सही, आपको इनकी बातें सुननी चाहिए।
दरअसल, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने शादीशुदा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तीन तलाक को अपराध घोषित करने के दो साल पूरे होने पर और तीन तलाक कानून के वर्षगांठ पर एक अगस्त को ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया। इसे लेकर आज रविवार के दिन देश भर में विभिन्न संगठनों द्वारा ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ मनाया जा रहा है।