राजस्थान के उदयपुर में दर्जी की हत्या के लिये पुलिस को जिम्मेदार करार देते हुये एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पुलिस अगर समय पर कार्रवाई करती तो दर्जी की जान बच सकती थी। इसके साथ ही उन्होंने इस कृत्य को आतंकी वादात बताया ।
अखलाक व भट्टा शेख की हत्या भी आंतक के कार्य
ओवैसी ने उदयपुर दर्जी कन्हैयालाल की हत्या के साथ-साथ पहलू खान, मोहम्मद अखलाक और मोहम्मद भट्टा शेख की हत्याओं को भी ‘‘आतंक के कार्य’’ करार दिया । उन्होंने कन्हैयालाल की हत्या के लिए राजस्थान पुलिस को दोषी ठहराते हुए कहा कि दर्जी की शिकायत पर समय पर कार्रवाई नहीं की गई।
उदयपुर की घटना नही होती अगर पुलिस सतर्क होती
उदयपुर में कन्हैयालाल को दो लोगों ने मारा डाला और सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए कहा कि वे इस्लाम के कथित अपमान का बदला ले रहे हैं। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘ उदयपुर की घटना नहीं होती अगर राजस्थान की पुलिस सतर्क रहती। मैंने मीडिया में पढ़ा कि गिरफ्तार होने और जमानत पर रिहा होने के बाद कन्हैयालाल को धमकियां मिल रही थीं’’
नुपूर शर्मा को धमकी देने वाले तेंलगाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
ओवैसी ने हैदराबाद पुलिस की सर्तकता का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एक व्यक्ति ने निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को धमकी दी तो तेलंगाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल की हत्या और पिछली घटनाएं जिनमें पहलू खान, मोहम्मद अखलाक और मोहम्मद भट्टा की हत्या जैसे ‘‘ बर्बर कृत्य के वीडियो’ शूट किए गए थे, सभी आतंक के कार्य थे और यह दर्शाते हैं कि समाज में कट्टरता बढ़ रही है।
पीएम के साथ वैचारिक मतभेद इसका मतलब यह उन्हें धमकी दी जानी चाहिए
एक वीडियो में कन्हैयालाल के हत्यारों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई धमकियों के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा, ‘‘ यह निंदनीय है। मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं। मोदी के साथ हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें धमकी दी जाए।’’ एआईएमआईएम नेता ने अपनी मांग दोहराई कि नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।