शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने तीनों कृषि कानून को वापस ले लिया। कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है। अब एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि चुनाव के डर से सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लिया। ऐसे में सरकार को सीएए भी रद्द कर देना चाहिए।
पी सिंह बघेल का बयान
एआईएमआईएम मुखिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो एस पी सिंह बघेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े हृदय का परिचय देते हुए अच्छी भावना के साथ कुछ किसानों की मांग को मानते हुए इन कानूनों को वापस लेने का वादा किया था, जिसे सरकार ने निभाया है। उन्होंने कहा कि जहां तक ओवैसी साहब के बयान का सवाल है उत्तर प्रदेश में कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है।
अल्पसंख्यक वोट बैंक बनाने की कोशिश
दरअसल, उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने जा रहे विधान सभा चुनावों के मद्देनजर विपक्ष फिलहाल किसानों से जुड़े मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहता है। असदुद्दीन ओवैसी भी उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में पूरे दम-खम के साथ उतरने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए वो कृषि कानूनों की वापसी के बहाने सीएए का मुद्दा उठाकर अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को ही हंगामे के बीच सरकार ने लोक सभा और राज्य सभा दोनों सदनों से ही कृषि कानूनों की वापसी का बिल पारित करवा लिया। बिना चर्चा के बिल पारित करवाने को लेकर विरोधी दलों ने एक सुर में सरकार पर निशाना साधा।लेकिन पलटवार करते हुए सरकार ने यह तर्क दिया कि किसान संगठन और विपक्षी दल भी जब तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे थे और सरकार इन मांगों को मानते हुए ही वापसी का यह विधेयक लेकर आई है तो फिर ये दल हंगामा क्यों कर रहे हैं।