लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

ओवैसी के तीनों बिल ख़ारिज

NULL

लोकसभा ने गुरुवार को लंबी बहस और संशोधन प्रस्ताव के बाद ऐतिहासिक मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 पास कर दिया है।

केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में इस बिल को पेश किया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। सरकार महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए इस बिल को ला रही है। RJD, BJD समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया।

एक बार में तीन तलाक को क्रिमिनल ऑफेंस के दायरे में लाने के लिए सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में बिल पेश कर दिया। बिल का सबसे पहले विरोध करने वालों में असदुद्दीन ओवैसी शामिल थे। बिल पेश करने के बाद केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर लगाम लगाने के लिए कानून इसलिए जरूरी हो गया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के सख्त फैसले के बाद भी देश में ट्रिपल तलाक का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा था। इस कानून को बनाने की जरूरत पर दलील देते हुए रविशंकर प्रसाद ने मामले पर केन्द्र सरकार का पक्ष रखा।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि निकाह कराने वाले मौलवी दोनों शौहर और बीवी को सलाह देंगे कि तलाक के लिए तीन बार इस शब्द का इस्तेमाल करने से वह । सुप्रीम कोर्ट को दिए अफिडेविट में कहा गया था कि पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिम समुदाय को समझाएगा कि देश में तीन तलाक न होने पाए।  इसके बावजूद 2017 में 300 ट्रिपक तलाक हुए । रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्रिपल तलाक की समस्या का अंदाजा इसी बात से लगता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी ठहराए जाने के बाद 100 से ज्यादा ट्रिपल तलाक के मामले हो चुके हैं।

संसद में ओवैसी ने गिनाईं ये आपत्तियां

रविशंकर प्रसाद ने सदन को बताया कि कुछ घंटे पहले देश में एक मुस्लिम महिला को महज इसलिए तलाक दे दिया गया क्योंकि वह सुबह देर से सोकर उठी थी। लिहाजा शौहर ने 3 बार तलाक कहकर उसे घर से बाहर कर दिया। कानून मंत्री ने बताया कि दुनिया के ज्यादातर इस्लामिक देशों में ट्रिपल तलाक को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाया गया है। इसमें बांग्लादेश, मलेशिया, इंडोनेशिया और पाकिस्तान शामिल है जहां ट्रिपल तलाक को रोकने के लिए कानून बना है।

रविशंकर प्रसाद के मुताबिक ज्यादातर इस्लामिक देशों में यदि तलाक देना है तो पहले आर्बिट्रेशन काउंसिल को तलाक देने की वजह बताने की जरूरत होती है। इसके उलट मुस्लिम समाज में सुधार के लिहाज से भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष राज्य पीछे रह गया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बांग्लादेश में कानून मौजूद है कि तलाक देने के लिए पहले लिखित में सूचित करना होता है। यदि बिना सूचना के किसी व्यक्ति ने तलाक दिया है तो उसके लिए 1 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। वहीं पाकिस्तान में भी इसी तरह का कानून मौजूदा है।

अफगानिस्तान, मोरोक्को, मिस्र जैसे कई देशों में भी ट्रिपल तलाक को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाया जा चुका है। जब इस्लामिक मुल्क तीन तलाक को रेगुलेट कर रहे हैं और कह रहें है कि एक बार में तीन बार तलाक नहीं कहा जा सकता है तो भारत को क्यों इस प्रावधान से अलग रहने की जरूरत है। तलाक-ए-बिद्दत को गौरकानूनी बनाया है। इसका असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा था। जहां महिलाएं फुटपाथ पर आने के लिए विवश हो रही थी वहीं बच्चों की परवरिश के लिए मां की प्रासंगिकता खत्म हो रही थी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए कानून में यदि ट्रिपल तलाक के मामले में पुलिस जमानत नहीं दे सकती तो मजिस्ट्रेट के पास यह पावर रहेगी कि वह प्रति मामले को देखते हुए जमानत पर फैसला ले सके।

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen + six =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।