नई दिल्ली: पद्मावत को लेकर अब मामला और बडा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फिल्म को लेकर उन दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिसमें पद्मावत को लेकर हो रही हिंसा पर अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग की गई है। पहली याचिका कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दाखिल की गई है। इस पहली याचिका में चार राज्यों में पद्मावत को लेकर हिंसा का हवाला दिया गया है।
पहली याचिका कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दाखिल की गई है। इस पहली याचिका में चार राज्यों में पद्मावत को लेकर हिंसा का हवाला दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही है।
राज्य पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि कानून व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है। याचिका में मांग की गई है कि इन राज्यों के चीफ सेकेट्री, होम सेकेट्री और डीजीपी को कोर्ट में तलब किया जाए।
दूसरी याचिका विनीत ढांडा की ओर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि फिल्म को सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज करने को हरी झंडी देने के बावजूद हिंसा हो रही है। विनीत ने राजपूत करणी सेना के तीन नेताओं, सूरजपाल, कर्ण सिंह और लोकेंद्र सिंह कलवी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला चलाने की मांग की है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वो सोमवार को मामले की सुनवाई करेंगे।
फिल्म रिलीज करने से बवाल
बिहार के आरा में करणी सेना समर्थकों ने सड़क पर टायरों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। भोजपुर में भी सड़क पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई. सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह आगजनी कर तोड़फोड़ मचाया। घटना में कई लोग जख्मी हो गए। लाचार पुलिस बेबस तमाशा देखती रही।
विरोध से डरे सिनेमाघरों के मालिक
पद्मावत की रिलीज के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन से सिनेमाघरों के मालिक भी डरे हुए हैं। जिसका उदाहरण मुंबई के स्टर्लिंग सिनेमा में देखने को मिला। जहां फर्स्ट शो के लिए सिर्फ 10% ही टिकटों की बुकिंग हुई है। जम्मू के 6 में से 1 सिनेमाघर में पद्मावत रिलीज हुई है। बुधवार को कुछ उपद्रवी युवकों ने इंदिरा थियेटर का कैश काउंटर में आग लगाई और शीशे तोडे।