सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना का संदेश साफ है कि वह देश की सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की किसी कोशिश को कामयाब नहीं होने देगी। सेना दिवस के मौके पर दिल्ली कैंट के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित परेड को सम्बोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान अब भी आतंकवादियों को पनाह दे रहा है।
परेड को सम्बोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि पिछला साल सेना के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने चीन के साथ लगने वाली उत्तरी सीमाओं पर घटनाक्रम का हवाला दिया। पूर्वी लद्दाख गतिरोध की ओर इशारा करते हुए, जनरल नरवणे ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए भारत और चीन में सैन्य स्तर की 14वें दौर की वार्ता हाल में हुई।
हमारा धैर्य हमारे आत्मविश्वास की निशानी
सेना प्रमुख ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर संयुक्त प्रयासों से कई इलाकों में सैनिकों के पीछे हटने का काम पूरा हुआ जो अपने आप में एक रचनात्मक कदम है। जनरल नरवणे ने कहा कि परस्पर एवं बराबर सुरक्षा के आधार पर, मौजूदा स्थिति का समाधान ढूंढने के लिए प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए बर्फ से ढके पहाड़ों पर तैनात जवानों का मनोबल आसमान छू रहा है। जनरल नरवणे ने कहा, “हमारा धैर्य हमारे आत्मविश्वास की निशानी है, लेकिन किसी को भी इसे परखने की गलती नहीं करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हमारा संदेश साफ है, भारतीय सेना देश की सीमा पर यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिश सफल नहीं होने देगी।” पेंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 से भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध में उलझी हुई हैं। गतिरोध को हल करने के लिए दोनों देशों ने 14 दौर की सैन्य स्तर की वार्ता की है।
जनरल नरवणे ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थिति पिछले साल से बेहतर है लेकिन पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देने की अपनी आदत से लाचार है। सीमा पार प्रशिक्षण शिविरों में तकरीबन 300-400 आतंकवादी घुसपैठ करने के अवसर की तलाश में बैठे हैं। सरहद पार से ड्रोन द्वारा हथियारों की तस्करी की कोशिश भी जारी है।