देश में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत काफी तेज हो गई है। बता दें कई राजनीतिक दलों ने 28 मई को होने वाले समारोह का बहिष्कार किया है। इसमें राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद का नाम भी जुड़ गया है। इसके पहले भी कई विपक्षी पार्टियां आप, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू) और माकपा हैं भी बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते- RJD
आपको बता दें एक बयान में राजद सांसद मनोज झा ने कहा, पिछले कुछ दिनों में जब हमें पता चला कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं, तो हमने सुझाव दिया था कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। यह संसदीय प्रणाली की परंपरा के अनुसार होता, लेकिन प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते।
सरकार ने किसी को विश्वास में नहीं लिया
उन्होंने आगे कहा, 20-25 साल बाद जब इतिहास लिखा जाएगा, तो लोगों को पता चलेगा कि विपक्षी दलों ने संविधान को सर्वोच्च मानते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था। हम अभी भी प्रधान मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे इसमें सुधार करें। फोन पर आईएएनएस से बात करते हुए जदयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा, पार्टी विपक्षी एकता का प्रचार कर रही है और अधिकांश विपक्षी दल उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना चाहते हैं, क्योंकि सरकार ने किसी को विश्वास में नहीं लिया और दूसरा उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए था।त्यागी ने कहा कि नई और पुरानी इमारतों का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि सरकार विपक्ष को चर्चा करने की अनुमति नहीं देती है और असहमति के स्वरों को प्रकट नहीं करने देती।