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सरकार ने संसद परिसर सुरक्षा (Parliament Security Breach) में हुई चूक की हालिया घटना के मद्देनजर इसकी ''व्यापक'' सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपने का फैसला किया है।आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।सीआईएसएफ एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) है, जो वर्तमान में परमाणु और एयरोस्पेस डोमेन (उड़ान उद्योग संबंधी) के अंतर्गत प्रतिष्ठानों, असैन्य हवाई अड्डों और दिल्ली मेट्रो के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में कई केंद्रीय मंत्रालयों के भवनों की सुरक्षा करता है।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद भवन परिसर के सर्वेक्षण का निर्देश दिया ताकि ''व्यापक आधार पर सीआईएसएफ सुरक्षा और दमकल शाखा की नियमित तैनाती'' की जा सके।केंद्र सरकार के मंत्रालयों की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ की सरकारी भवन सुरक्षा (जीबीएस) इकाई के विशेषज्ञ और वर्तमान संसद सुरक्षा टीम के अधिकारियों के साथ सीआईएसएस के अग्निशमन और बचाव अधिकारी इस सप्ताह के अंत में सर्वेक्षण शुरू करेंगे।नए और पुराने दोनों संसद परिसर और उनकी संबद्ध इमारतों को सीआईएसएफ के व्यापक सुरक्षा घेरे में लाया जाएगा, जिसमें संसद सुरक्षा सेवा (पीएसएस), दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संसद ड्यूटी समूह (पीडीजी) के मौजूदा घटक भी मौजूद होंगे।
संसद पर 13 दिसंबर को 2001 को हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन एक बड़ी सुरक्षा चूक के तहत दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए, 'केन' से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए। आरोपियों को बाद में सांसदों ने काबू में कर लिया।लगभग उसी समय दो अन्य लोगों ने संसद परिसर के बाहर नारे लगाते हुए 'केन' से रंगीन धुआं छोड़ा।सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक समिति संसद परिसर के समग्र सुरक्षा मुद्दों को देख रही है और वह सुधार के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को सिफारिशें देगी।