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विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं और सांसदों ने लोकसभा एवं राज्यसभा से 140 से अधिक सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर बुधवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि सरकार 'विपक्ष मुक्त संसद' तथा 'एक पार्टी के शासन वाली व्यवस्था' चाहती है।संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन (MP protest) में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा कई अन्य नेता शामिल हुए।
निलंबित लोकसभा सदस्यों में शामिल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ''संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में कभी इस तरह से 150 सांसदों को सदन से बाहर नहीं किया गया। यह व्यवस्था का ऐतिहासिक दुरुपयोग है। सरकार चाहती है कि विपक्ष मुक्त लोकसभा और विपक्ष मुक्त राज्यसभा हो। इस तरह की राजनीति में लोकतंत्र का क्या होगा, यही हमारा प्रश्न है।''
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा, ''हम चांद का टुकड़ा नहीं मांग रहे हैं। हम गृह मंत्री से दोनों सदनों में बयान चाहते हैं। सुरक्षा चूक को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला मानना चाहिए। हमने गृह मंत्री के बयान की मांग की तो इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित कर दिया गया।''उन्होंने आरोप लगाया, ''आपने (सरकार) लोकतंत्र की जननी का कत्ल करने की सुपारी ले ली है और वही आप कर रहे हैं। आपको प्रतिरोध मुक्त सड़क और विपक्ष मुक्त संसद चाहिए। मुबारक हो मोदी जी। आप इस देश को एक पार्टी के शासन वाली व्यवस्था की तरफ ले जा रहे हैं।''
सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में पिछले कुछ दिनों के भीतर 141 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में मंगलवार को 49 लोकसभा सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं।