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संसदीय समिति ने Twitter को लगाई फटकार, कहा- देश का कानून सर्वोपरि है, आपकी नीति नहीं

केंद्र सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच चल रही तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच एक संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को उसके समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था।

केंद्र सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच चल रही तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच एक संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को उसके समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था। इसी क्रम में संसदीय समिति के सामने ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि पेश हुए और सोशल मीडिया मंच के दुरुपयोग, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर बयान दर्ज कराया।
सूत्रों के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति ने ट्विटर से यह भी पूछा कि देश में नियमों का उल्लंघन करते पाये जाने पर उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाए। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में ट्विटर को नोटिस जारी कर नये आईटी नियमों का तत्काल अनुपालन करने का आखिरी मौका दिया था और चेतावनी दी थी कि नियमों का पालन नहीं होने पर इस प्लेटफॉर्म को आईटी अधिनियम के तहत जवाबदेही से छूट नहीं मिलेगी।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना और प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने पिछले सप्ताह इस मंच के दुरुपयोग और नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण से संबंधित विषयों पर ट्विटर को तलब किया था। ट्विटर इंडिया की लोक नीति प्रबंधक शगुफ्ता कामरान और विधिक परामर्शदाता आयुषी कपूर ने शुक्रवार को समिति के समक्ष अपना पक्ष रखा।
सूत्रों ने कहा कि समिति के सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से कुछ सख्त सवाल पूछे लेकिन उनके जवाबों में स्पष्टता नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक समिति ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों की इस दलील पर आपत्ति जताई कि उसकी नीति देश के कानून के अनुसार है।
समिति ने उनसे स्पष्ट रूप से कहा कि ‘देश का कानून सर्वोपरि है, आपकी नीति नहीं’। पिछले कुछ दिन से केंद्र और ट्विटर के बीच अनेक विषयों पर गतिरोध की स्थिति है। कुछ दिन पहले ट्विटर उस समय भी विवाद में आ गया था जब उसने उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत समेत संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के खातों से सत्यापन वाला ‘ब्लू टिक’ कुछ देर के लिए हटा दिया था।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस भेजकर पूछा था कि उसने केंद्र सरकार के खिलाफ कथित ‘कांग्रेसी टूलकिट’ को ‘मैनिपुलेटिड मीडिया’ का तमगा कैसे दिया।
खबरों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 31 मई को ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी से सवाल-जवाब किये थे। पुलिस 24 मई को टूलकिट के मुद्दे पर ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव स्थित दफ्तरों में भी पहुंची थी।

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