राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि संसदीय समितियों के गठन के लिए राजनीतिक दलों ने स्मरण पत्र भेजे जाने के बावजूद सदस्यों के नाम अब तक नहीं भेजे हैं। सभापति ने राजनीतिक दलों से सदस्यों के नाम शीघ्र भेजने के लिए कहा ताकि संसदीय समितियों का गठन शीघ्र किया जा सके। सदन की बैठक 11 बजे शुरू होने पर सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
इसके बाद उन्होंने संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन से सत्र के शेष हिस्से के लिए सरकारी कामकाज के बारे में एक वक्तव्य देने को कहा। मुरलीधरन ने वक्तव्य दिया जिसमें उन्होंने अगले सप्ताह सदन में विचार एवं पारित किए जाने वाले विधेयकों का जिक्र किया।
उनके वक्तव्य पूरा करने के बाद तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा, “कई विधेयक संसदीय समितियों के पास भेजे बिना ही पारित कर दिए गए और अगले सप्ताह भी कई विधेयक सदन में पेश किए जाने हैं।” उन्होंने कहा कि जांच के बिना विधेयकों का पारित होना चिंता का विषय है। इस पर सभापति ने कहा कि यह बात सदन के संज्ञान में है।
उन्होंने कहा कि गहन जांच और विचार विमर्श के बिना विधेयक पारित नहीं किए जाते, इनके हर एक पहलू पर विचार किया जाता है। नायडू ने कहा, “संसदीय कार्य मंत्री ने संसदीय समितियों के गठन के लिए राजनीतिक दलों ने स्मरण पत्र भेजा था। इसके बावजूद सदस्यों के नाम अब तक नहीं भेजे गए हैं।”
उन्होंने राजनीतिक दलों से सदस्यों के नाम शीघ्र भेजने के लिए कहा ताकि संसदीय समितियों का गठन शीघ्र किया जा सके। इससे पहले, सभापति जब आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवा रहे थे तब पिछले दिनों कार्यावलि में नाम होने के बावजूद सदन में अनुपस्थित रहने के लिए उन्होंने मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालयान को टोका।
सभापति ने आज की संशोधित कार्यावलि के अनुसार दस्तावेज पटल पर रखवाते समय बालियान का नाम पुकारा। बालयान ने दस्तावेज पटल पर रखे। नायडू ने उनसे कहा कि हाल ही में कार्यावलि में नाम होने के बावजूद मंत्री सदन में उपस्थित नहीं थे। बालयान ने इस पर माफी मांगते हुए कहा कि वह आगे से इस बात का ध्यान रखेंगे।