देश के गृह मंत्री अमित शाह ने विभाजन के समय आम जनता को जो परेशानियों सामना करना पड़ा था उसके लिए उन्होंने श्रद्धांजिल दी और औपचारिक तौर से स्पष्ट किया कि आजादी के समय दो समुदायों में फूट पड़ी ओर एक भाई दूसरे भाई को काटने के लिेय तैयार हो गया था । हालांकि, शाह ने कहा कि भारत का इतिहास इस अमानवीय अध्याय को पूर्ण रूप से कभी भी भुलाया नहीं जा सकता
1947 में हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास- अमित शाह
जानकारी के मुताबिक शाह ने औपचारिक तौर से कहा कि 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' युवा पीढ़ी को देशवासियों की पीड़ा की याद दिलाएगा और नागरिकों को ''हमेशा के लिए'' शांति व सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा। शाह ने ट्वीट किया, ''1947 में हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वो अमानवीय अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। विभाजन की हिंसा और घृणा ने लाखों लोगों की जान ले ली व असंख्य लोगों को विस्थापित होना पड़ा। आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर बंटवारे का दंश झेलने वाले लाखों लोगों को नमन करता हूं।''
1 947 में भारत के विभाजन के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों में.
जानकारी के मुताबिक उन्होंने लिखा, ''विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस देश की युवा पीढ़ी को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना एवं वेदना का स्मरण कराएगा और देशवासियों को देश में सदा शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित भी करेगा।'' वर्ष 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों में लाखों लोग विस्थापित हुए थे और बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। भारत सोमवार को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।
तेलंगाना : चुनाव में भष्ट्राचार,परिवारिक शासन को हथियार बनाकर केसीआर के सामने चुनौती पेश करेगी भाजपा
