कोरोना वायरस को खत्म करने का दावा करने वाली दवाई ‘कोरोनिल’ इस समय विवादों के घेरे में है। इसको लेकर पतंजलि के प्रमुख स्वामी रामदेव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोग उनके खिलाफ कैंपेन चला रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा आयुष मंत्रालय को भेजा और सारे अप्रूवल लिए गए।
उन्होंने कहा कि हमने तय प्रक्रिया के तहत ही सारा ट्रायल किया है और किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। अब एफआईआर करो, देशद्रोही कह लो या आतंकी कह लो कोई फर्क नहीं पड़ता। योगगुरु ने कहा कि क्या सिर्फ सूट-टाई वाले डॉक्टरों ने रिसर्च का ठेका लिया है, कोई बाबा काम नहीं कर सकता है।
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उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में योग के अंदर काम करना गुनाह है। मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दवा बनाकर क्या मैंने कोई गुनाह कर दिया, सत्कार नहीं कर सकते तो तिरस्कार तो मत कीजिए। उन्होंने बताया कि कोरोना के संदर्भ में रेंडमाइज्ड प्लेसिबो कंट्रोल डबल ट्रायल किया, उसमें तीन दिन में 69 फीसदी और सात दिन में 100 फीसदी केस नेगेटिव हो गए। इसका हमने डाटा आयुष मंत्रालय को दिया, जितने भी अप्रूवल लेने थे उसे डॉक्यूमेंट हमने मंत्रालय को दे दिए।
बाबा रामदेव ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि योग और आयुर्वेद का काम करना मानों गुनाह हो गया है। जैसे देशद्रोही और आतंकवादियों के खिलाफ एफआईआर होती है। वैसे ही हमारे खिलाफ भी की जा रही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कोरोना को लेकर क्लीनिकल ट्रायल पर तूफान क्यों खड़ा कर दिया गया है। उन ड्रग माफिया, मल्टीनेशनल कंपनी माफिया, भारतीय और भारतीयता विरोधी ताकतों की जड़ें हिल गईं।