पटना : बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने आज कहा कि बहुप्रतीक्षित पटना मेट्रो रेल परियोजना का कार्य इस वर्ष शुरू हो जाएगा। श्री शर्मा ने यहां विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग की बजटीय मांग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि केंद्र सरकार के नये दिशा-निर्देश के अनुसार, रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (आरआईटीईएस) और पटना का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) पटना मेट्रो रेल परियोजना के लिए नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है।
इस परियोजना का कार्य वर्ष 2018 से शुरू करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। मंत्री ने कहा कि इससे पहले पटना मेट्रो रेल परियोजना का डीपीआर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया था लेकिन दिशा-निर्देश में बदलाव होने के कारण राज्य सरकार को नया डीपीआर भेजने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि आरआईटीईएस और एनआईटी पटना द्वारा तैयार किया जा रहा डीपीआर मिलते ही राज्य सरकार उसे स्वीकृति प्राप्त करने के लिए केंद्र को भेज देगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष औपचारिक रूप से लांचिंग होने के बाद परियोजना को क्रियान्वित किया जाएगा। श्री शर्मा ने बताया कि भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पटना और बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने से संबंधित प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत प्रत्येक शहर को पांच वित्त वर्ष में कुल 1000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत होगी। उन्होंने बताया कि इन शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) का गठन कर लिया गया है। वहीं भागलपुर के लिए 382 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
मंत्री श्री शर्मा के जवाब से अंसतुष्ट होकर विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये। इसके बाद वित्त वर्ष 2018-19 के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग की 44 अरब 13 करोड़ 58 लाख 67 हजार रुपये की अनुदान मांग को ध्वनिमत से पारित किया गया। इससे पूर्व लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण (पीएचईडी) मंत्री विनोद नारायण झा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए विभाग की बजटीय मांग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि आर्सेनिक और फ्लूराइड से प्रभावित जल वाले जिलों में अगले वित्त वर्ष के अंत तक इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 11 जिले रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, बांका एवं भागलपुर आर्सेनिक से जबकि 13 जिले बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया एवं कटिहार जिले का भूमिगत जल फ्लूराइड से प्रभावित है। श्री झा ने कहा कि राज्य के नौ जिले बेगूसराय, खगड़िया , सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, अररिया, पूर्णिया एवं किशनगंज का जल लौह से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि इन जिलों की जल की समस्या का समाधान वर्ष 2020 तक कर दिया जाएगा।
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