पेगासस जासूसी विवाद का मुद्दा देश में अभी थमा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आज उस याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किए जिसमें जासूसी के आरोपों की तफ्तीश करने के लिए जांच आयोग गठित करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।
सीजेआई एनवी रमण, न्यायामूर्ति सूर्यकांत और न्यायामूर्ति अनिरूद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने याचिका पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किए और इस मामले को 25 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील सौरभ मिश्रा ने पीठ से कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन के लिए जारी अधिसूचना को उसके अधिकार क्षेत्र के आधार पर चुनौती दी है। पीठ ने कहा, “ हम नोटिस जारी कर रहे हैं।”
पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायामूर्ति मदन बी लोकुर और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को जांच आयोग का सदस्य बनाया है। इस आयोग के गठन की घोषणा राज्य सरकार ने पिछले महीने की थी।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के एक संघ ने खबर दी है कि भारत के 300 से ज्यादा सत्यापित फोन नंबर उस सूची में शामिल थे जिन्हें पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर निगरानी के लिए संभावित रूप से रखा गया था।