प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा पीट-पीटकर हत्या के मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री को लिखे गए एक खुले पत्र के बाद, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि देश में दलित और अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग लोकसभा चुनाव में हार से अब तक नहीं उबर पाए हैं वो आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिकता से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
विभिन्न क्षेत्रों की 49 शख्सियतों के दस्तखत वाले एक पत्र में कहा गया है कि मुस्लिमों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों की पीट-पीटकर हत्या के मामलों को तत्काल रोकना चाहिए।
अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री ने पीटीआई-भाषा से फोन पर बातचीत में कहा, ‘‘किसी को भी आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिकता से नहीं जोड़ना चाहिए। देश में दलित और अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। लोकसभा चुनाव में मिली हार से उबर नहीं पाए लोग ऐसी कोशिश कर रहे हैं।’’
हिंसा और असहनशीलता पर सरकार की कथित चुप्पी के खिलाफ लेखकों के विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2014 के चुनाव के बाद अवार्ड वापसी के नाम पर ऐसी ही चीजें देखी थीं, यह उसी का भाग-दो है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित 23 जुलाई के पत्र में कहा गया है कि ‘‘असहमति के बिना लोकतंत्र नहीं होता है।’