रायपुर: छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के आम बजट को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। चुनावी वर्ष का बजट लोक लुभावन होगा वहीं दूसरी ओर इस बार बजट का आकार भी बढ़ सकता है। सरकार की ओर से बजट को लेकर विभागवार सचिव स्तरीय चर्चा का दौर शुरू हो रहा है। चर्चा के अंतिम दौर में मुख्यमंत्री रमन सिंह खुद मंत्रियों से मंत्रणा के बाद बजट का स्वरूप तय करेंगे।
इधर चुनावी वर्ष के लिहाज से बजट को लेकर कई तरह की चर्चाओं और अटकलों ने जोर पकड़ा हुआ है। राज्य सरकार का मौजूदा बजट 80 हजार करोड़ पार कर चुका है। वहीं चुनावी बजट भी एक लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। चुनावी बजट में पूरी तरह रियायतों की झड़ी लग सकती है।
वहीं रमन सरकार सभी वर्गों को लिए कुछ न कुछ सौगात लेकर आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक आम बजट में इस बार कोई नया कर थोपने की संभावना नजर नहीं आ रही है। वहीं आम लोगों पर बोझ लादने के बजाए सरकार रियासत देकर लुभाने की कोशिशें कर सकती हे।
इसके अलावा पूर्व की घोषणाओं को पूरा करने के लिए भी सरकार की ओर से बजट में प्रावधान होंगे। इनमें सबसे बड़ा किसानों के बोनस को माना जा रहा है। बजट में सरकार अपने संसाधनों से ही किसानों को समर्थन मूल्य में धान खरीदी के एवज में बजट देकर सुतुष्ट कर सकती है।
इसके अलावा विभिन्न योजनाओं के जरिए भी विभिन्न वर्गों के लिए प्रावधान किए जा सकते हैं। प्रदेश में चुनाव को लेकर बजट के स्वरूप पर सचिव स्तरीय चर्चा में संबंधित विभागों की प्राथमिकताओं को पहले शामिल किया जा रहा है। इसके बावजूद इस बार भी कृषि समेत कुछ अन्य विभागों के बजट में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। महंगाई के दौर में भी इस बार आम लोगों को राहत देने का दबाव है चुनाव की वजह से भी सरकार राहत के इंतजाम कर सकती है।