बीते दिनों किराया बढ़ाकर मेट्रो ने लोगों का सर दर्द बढ़ाया ही था की अब एक बार फिर किराया बढाने की खबर ने लोगों को त्योहारी सीजन में परेशान कर दिया है। जून से मेट्रो किराये की बढ़ोतरी से लोगों का दर्द कम नहीं हुआ था की अब एक बार फिर लोगों का बजट बिगड़ता दिख रहा है।
अब जी हम ठहरे सच्चे भारतवासी तो इस समस्या के हल के लिए भी लोगों ने जुगाड़ कर ही लिया अगर आप नहीं जानते तो आपको हम बताते है की मेट्रो की इस ‘किराया मार’ से बचने के लिए लोग क्या क्या तरीके अपना रहे है। इन जुगाड़ों से लोग अपने अप-डाउन सफ़र में रोजाना करीब 20 रूपए तक की बचत कर सकते है।
नयी दरों के हिसाब किलोमीटर के चरणों अब बढ़ा हुआ किराया वसूला जायेगा तो कुछ लोग अपने स्टेशन से एक स्टेशन पहले उतर कर पैदल अपने गंतव्य तक जा रहे है। इस मजबूरी से एक फ़ायदा भी है की पैदल चलकर सेहत को भी सुधार जा सकता है। वहीं कुछ लोग मेट्रो की बजाये अब
बस में सफ़र करने की तरफ ध्यान दें रहे है। इनका मानना है की भले ही बस में थोडा समय ज्यादा लग सकता है और इसका समाधान है की अब ऑफिस के लिए घर से कुछ समय पहले निकलना पड़ेगा। मेट्रो की अपेक्षा में बसों का किराया काफी कम भी है।
कुछ लोग एह ही ऑफिस में काम करते है तो आने जाने के लिए शेयरिंग कैब का भी इस्तेमाल कर रहे है उनका कहना इस तरीके से बचत भी हो रही है और समय भी ज्यादा नहीं लग रहा है। न्यूनतम किराये की बढ़ोतरी के बाद अब लोग नजदीकी स्टेशन के बीच सफ़र करने के लिए बैट्री रिक्शा आदि की सहायता भी ले रहे है।
मेट्रो की किराया वृद्धि ने लोगों को शेयरिंग करना भी सिखा दिया है। आने वाले दिनों में आपको भी कार पूल या बाइक पूल करने जैसे ऑफर आ सकते है। इस किराये की बढ़ोतरी ने एक काम ही शायद सही किया है की लोगों को एक दुसरे की मदद करना जरूर सिखा दिया है।