BREAKING NEWS

राजनीति का अखाड़ा बना संभाजीनगर: रविवार को MVA करेगी रैली, BJP निकालेगी सावरकर गौरव यात्रा◾भारतीय प्रणाली मजबूत, विदेशी निवेशकों को देती है भरोसा: निर्मला सीतारमण◾गुजरात कांग्रेस 300 से ज्यादा सम्मेलनों का करेगी आयोजन, राहुल गांधी को भी भेजा गया निमंत्रण ◾पीएम की डिग्री को लेकर BJP-AAP में तकरार: सुधांशु त्रिवेदी बोले- मानसिक संतुलन खो चुके हैं केजरीवाल◾Delhi: होटल में मिला युवक का शव, हत्या का केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस◾यूपी में बरसात-ओलावृष्टि से फसल को भारी नुकसान, CM योगी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश ◾‘पर्यावरण और वन संबंधी कानूनों को कमजोर कर रही है सरकार’, कांग्रेस ने केंद्र पर लगाए आरोप ◾कर्नाटक चुनाव से पहले IT विभाग का बड़ा एक्शन, JD(S) से जुड़े सहकारी बैंक की तलाशी ली◾West Bengal: BJP बोली- हिंदू खतरे में हैं, महुआ मोइत्रा का पलटवार- 2024 तक यही चलेगा ◾अमृता फडणवीस रिश्वत मामला: सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका◾Udaipur News: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में सड़क पर उतरे वकील, कर रहे ये मांग ◾कंझावला कांड : दिल्ली पुलिस सात आरोपियों के खिलाफ 800 पृष्ठों का आरोपपत्र किया दाखिल ◾शिक्षक घोटाला: ED ने गिरफ्तार प्रमोटर अयान शील की 100 करोड़ रुपये की संपत्ति को किया ट्रैक ◾बड़ी कार्रवाई: गढ़चिरौली में पुलिस ने एक नक्सली को किया ढेर, मुठभेड़ जारी◾BJP 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की बना रही है योजना : सिब्बल◾Jaipur Blast Case: आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी राजस्थान सरकार◾बिहार: सांप्रदायिक हिंसा को लेकर 45 लोग अरेस्ट, पुलिस का दावा- स्थिति सामान्य◾बिहार में चरमराई कानून व्यवस्था, सासाराम में तनाव के बाद अमित शाह का दौरा रद्द ◾छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक: यात्री बस को किया आग के हवाले, कोई हताहत नहीं◾राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- ओडिशा में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बनने की क्षमता◾

उच्चतम न्यायालय में दाखिल हुई याचिका, 'नागरिकों के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने को लेकर उठाया गया बड़ा कदम'

उच्चतम न्यायालय में एक याचिका की दायर की गयी है जिसमें केंद्र एवं अन्य को एक ऐसा तंत्र तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध है जिससे नागरिकों को संसद में अर्जी के माध्यम से अपनी बात पहुंचाने और उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर देश के शीर्ष विधायी निकाय में चर्चा शुरू करवाने की व्यवस्था हो। यह याचिका शुक्रवार को न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई।

याचिका में यह घोषित करने की मांग की गई 

पीठ ने याचिकाकर्ता करण गर्ग की ओर से पेश वकील से याचिका की एक प्रति केंद्र सरकार के वकील को देने को कहा और मामले की सुनवाई फरवरी के लिए स्थगित कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रोहन जे अल्वा ने दलीलें रखी।याचिका में यह घोषित करने की मांग की गई है कि संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए) और 21 के तहत नागरिकों को उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर बहस, चर्चा और विचार-विमर्श की मांग को लेकर सीधे संसद में आवेदन का मौलिक अधिकार हैं।

सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य 

याचिका के अनुसार, वर्तमान रिट याचिका में प्रार्थना की गई है कि प्रतिवादियों (केंद्र और अन्य) के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य है कि किसी बाधा और कठिनाइयों का सामना किए बिना नागरिकों की संसद में अपनी आवाज सुनी जा सके। याचिका में कहा गया है कि देश का एक सामान्य नागरिक जब वोट डाल देता है और प्रतिनिधियों को चुन लेता है तो आगे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उसकी भागीदारी की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है।

लोग कानून बनाने की प्रक्रिया से अलग हो जाते है

याचिका में कहा गया है कि किसी भी औपचारिक तंत्र का पूर्ण अभाव है जिसके द्वारा नागरिक सांसदों के साथ जुड़ सकते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकते हैं कि संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस हो। याचिका के अनुसार, इस तंत्र की गैर-मौजूदगी निर्वाचित प्रतिनिधियों और नागरिकों के बीच एक शून्य पैदा करती है। लोग कानून बनाने की प्रक्रिया से अलग हो जाते हैं। भारतीय लोकतंत्र में पूरी तरह से भाग लेने के लिए नागरिकों को उनके निहित अधिकारों से दूर करना गंभीर चिंता का विषय है और यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे तुरंत निपटाने की आवश्यकता है।