सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आखिरी प्रयास में शामिल नहीं हो पाने वाले अभ्यर्थियों की एक और मौका दिए जाने के अनुरोध वाली याचिका बुधवार को खारिज की। अभ्यर्थियों ने याचिका में महामारी के कारण परीक्षा की तैयारियों में मुश्किलों का हवाला दिया था।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने यूपीएससी सिविल सेवा के अभ्यर्थियों की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने वैश्विक महामारी के कारण 2020 में अपना सिविल सेवा परीक्षा का आखिरी अवसर गंवाने वाले छात्रों को एक और मौका दिए जाने का अनुरोध किया गया है।
इन अभ्यर्थियों ने याचिका में महामारी के कारण परीक्षा की तैयारियों में मुश्किलों का हवाला दिया था। केंद्र ने नौ फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह अपना आखिरी मौका गंवाने वाले छात्रों समेत अभ्यर्थियों को एक बार उम्र सीमा में छूट के खिलाफ है। ऐसे छात्रों को इस साल एक और मौका देने से दूसरे उम्मीदवारों के साथ भेदभाव होगा।
उसने कहा कि अक्टूबर 2020 में परीक्षा के अपने आखिरी अवसर का इस्तेमाल करने वाले छात्रों को इस साल एक और मौका मिलेगा बशर्ते वे आयुसीमा की शर्त को पूरा करते हों। केंद्र शुरुआत में अतिरिक्त मौका देने के पक्ष में नहीं था, लेकिन बाद में उसने पीठ के सुझाव पर ऐसा किया।