नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरुद्ध प्रदर्शन करके जानमाल की क्षति पहुंचाने वालों तथा उन्हें उकसाने वाले राजनीति दलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग संबंधी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। याचिकाकर्ता पुनीत कुमार ढांडा ने खुद को देश का एक जागरूक नागरिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह सीएए को संवैधानिक घोषित करने और इसे सभी राज्यों में सख्ती से लागू करने के निर्देश देने की मांग भी की है।
एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) जे पी ढांडा के माध्यम से दायर याचिका केंद्र सरकार के अलावा सभी राज्य सरकारों को पक्षकार बनाया गया है तथा सीएए के विरोध के नाम पर जानमाल को नुकसान पहुंचाने वालों तथा राजनीतिक लाभ कमाने के इरादे से प्रदर्शनकारियों को उकसाने वाले दलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।
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वकील विनीत ढांडा ने याचिका तैयार की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूरे देश में सीएए के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन उन राजनीतिक दलों से प्रेरित हैं जो सत्ता से बाहर हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ उनके प्रतिशोध का परिणाम हैं। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऐसे राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा गलत जानकारी फैलाई गई है, जिससे मुस्लिम समुदाय के मन में डर और चिंता की भावना पैदा हुई हैं।
याचिकाकर्ता ने ‘राजनीतिक व्यक्तियों’ पर सरकार के खिलाफ साजिश करने और स्वयं के राजनीतिक एजेंडे के चलते भय और हिंसा का माहौल बनाने का आरोप लगाया है, जिससे लगभग 50 लोगों की जान चली गई है और सैंकड़ों करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि इन घटनाओं के परिणामस्वरूप देश की बदनामी हुई है और यह संविधान के‘अनुच्छेद 111 का घोर उल्लंघन’ है।