पेगासस सॉफ्टवेयर द्वारा जासूसी कराए जाने का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील एम.एल शर्मा ने याचिका दायर कर मामले की एसआईटी जांच और सॉफ्टवेयर की खरीद पर रोक की मांग की गई है। याचिका पर कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है।
शर्मा ने पेगासस जासूसी सॉफ्टवरेयर को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसके इस्तेमाल को असंवैधानिक घोषित करने की भी गुहार लगाई है। बता दें कि पेगासस जासूसी मामले को लेकर देश के कई विपक्षी नेता मोदी सरकार पर हमलावर हैं। वहीं कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दल मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रहे है। हालांकि सरकार इन आरोपों को खारिज कर चुकी है।
एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारत के दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए।
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मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्राइड उपकरणों को प्रभावित करता है। यह लोगों के डिवाइस से उनके मैसेज, फोटो और ईमेल, कॉल रिकॉर्ड और माइक्रोफोन एक्टिव कर उनकी बातें भी सुन सकता है।
दावा किया गया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, बीजेपी के मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के फोन नंबरों को हैकिंग के लिए सूचीबद्ध किया गया था। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे तथा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के फोन नंबर हैकरों के निशाने पर थे।