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मच्छरों के खिलाफ लगी सुप्रीम कोर्ट में याचिका, कोर्ट ने कहा- हम भगवान नहीं

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उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक अजीबोगरीब याचिका आई जिस पर कोर्ट को मजबूरन हाथ खड़े करने पड़ा आपको बता दे कि कोर्ट ने कहा कि वह भगवान नहीं है और यह काम सिर्फ भगवान ही कर सकते हैं।

बता दे कि एसी कई याचिकाओं को विषय है जिनपर सुनवाई करके उसका निवारण करना सुप्रीम कोर्ट के हाथों में भी नहीं है।

याचिकाकर्ता धनेश लेशधन ने एक आवेदन डालकर कोर्ट से विन्नती की कि वे प्रशासन को मजबूर करें कि वे देश से मच्छरों को पूरी तरह से खत्म कर दें। खबरों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के दो जज ( न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ) की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि हम भगवान नहीं है। हमसे वह काम करने के लिए मत कहो जो केवल भगवान कर सकता है। दुनिया भर में 7,25,000 लोगों की मौत मच्छर के काटने के बाद होने वाली बीमारियों से जुड़ी हैं।

मच्छर जनित बीमारियां पैदा करने वाले मच्छरों को मारने के लिए एकीकृत दिशानिर्देश देने की ईशधन की मांग पर शीर्ष कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि कोई अदालत अधिकारियों को देश से मच्छर समाप्त करने का ऐसा कोई निर्देश दे सकती है

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमानित मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए कई वैज्ञानिकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दशकों से संघर्ष कर रहे हैं। इस याचिका के जरिए धनेश चाहते थे कि कोर्ट इस मामले में उनकी मदद कर पाएगा। धनेश ने अपनी याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई कि कोर्ट से सरकार को आदेश दे कि मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों के कारण मच्छरों को खत्म करने के लिए गाइडलाइन्स बनाई जाए।

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