देश की सबसे बड़ी अदालत (सुप्रीम कोर्ट) में एक याचिका दायर कर कोविड-19 से मरने वाले लोगों के परिजनों को आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश केंद्र और राज्य सरकारों को देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि अदालत राज्यों को निर्देश दे कि मृत्यु प्रमाण पत्र या अन्य आधिकारिक दस्तावेजों में मौत की वजह कोविड-19 दर्ज की जाए।
पिछले सप्ताह यह याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता रीपक कंसल ने बताया कि राज्यों को निर्देश दिया जाए कि वे कोविड-19 मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों की देखभाल की जिम्मेदारी पूरी करें। याचिका में कहा गया कि कोविड-19 ‘अधिसूचित आपदा’ है और प्रभावित व्यक्तियों और उनके परिवारों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत सहायता की जरूरत है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि कोविड-19 से मरने वालों का अस्पताल पोस्टमॉर्टम नहीं कर रहे हैं। याचिका में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा-12 का उल्लेख किया गया है जो कहता है कि राष्ट्रीय प्राधिकार अपदा से प्रभावित व्यक्तियों को न्यूनतम मानक सहायता के लिए दिशानिर्देश की अनुशंसा करेंगे जिसमें जानहानि होने पर अनुग्रह राशि की सहायता शामिल हो सकती है।