उत्तर प्रदेश की 54 विधानसभा सीटों पर सातवें और अंतिम चरण में सोमवार को मतदान हो रहा है। नौ ज़िलों की इन 54 विधानसभा सीटों में कई हाई-प्रोफ़ाइल सीटें भी शामिल हैं। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाले वाराणसी और अखिलेश यादव के वाले आजमगढ़ ज़िले में भी मतदान होने हैं। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार चार महीने तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ठहराव बाद इस सप्ताह वाहन ईंधन की कीमतों में वृद्धि होने कि सभवाना है।
2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के 13 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर 140 डॉलर प्रति पर पहुंचने के बावजूद ईंधन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होने के बाद पेट्रोलियम कंपनियां अब अपने घाटे की भरपाई करने के लिए तैयार है। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल, अमेरिकी तेल बेंचमार्क रविवार शाम को बढ़कर 130.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह जुलाई, 2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर है।
पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी
गौरतलब है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात के जरिये पूरा करता है। तेल की कीमतों में इस साल पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी है और कमजोर रुपया देश के लिए और परेशानी बढ़ रहा है। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जरूरत है।
एशिया में तेल की ऊंची कीमतों के लिए सबसे कमजोर देशों में से एक
यही नहीं, तेल की कीमतों पर भारतीय रुपये के डगमगाने का असर भी दिखेगा। भारतीय रुपया सोमवार को 76.9812 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। गौरतलब है कि भारत अपनी तेल आवश्यकता का लगभग 85 प्रतिशत पूरा करने के लिए विदेशी खरीद पर निर्भर करता है, जिससे यह एशिया में तेल की ऊंची कीमतों के लिए सबसे कमजोर देशों में से एक है।
पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों को लेकर राहुल ने भी मोदी सरकार पर तंज कसा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘‘लोगों को अपनी गाड़ी का टैंक फुल करवा लेना चाहिए’’ क्योंकि मोदी सरकार का ‘‘चुनावी ऑफर’’ खत्म होने जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए। मोदी सरकार का ‘चुनावी ऑफर’ ख़त्म होने जा रहा है।’’
2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों के 13 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर 140 डॉलर प्रति पर पहुंचने के बावजूद ईंधन की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होने के बाद पेट्रोलियम कंपनियां अब अपने घाटे की भरपाई करने के लिए तैयार है। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल, अमेरिकी तेल बेंचमार्क रविवार शाम को बढ़कर 130.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह जुलाई, 2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर है।
पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी
गौरतलब है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात के जरिये पूरा करता है। तेल की कीमतों में इस साल पहले से ही 60 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हो चुकी है और कमजोर रुपया देश के लिए और परेशानी बढ़ रहा है। उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जरूरत है।
एशिया में तेल की ऊंची कीमतों के लिए सबसे कमजोर देशों में से एक
यही नहीं, तेल की कीमतों पर भारतीय रुपये के डगमगाने का असर भी दिखेगा। भारतीय रुपया सोमवार को 76.9812 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। गौरतलब है कि भारत अपनी तेल आवश्यकता का लगभग 85 प्रतिशत पूरा करने के लिए विदेशी खरीद पर निर्भर करता है, जिससे यह एशिया में तेल की ऊंची कीमतों के लिए सबसे कमजोर देशों में से एक है।
पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों को लेकर राहुल ने भी मोदी सरकार पर तंज कसा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘‘लोगों को अपनी गाड़ी का टैंक फुल करवा लेना चाहिए’’ क्योंकि मोदी सरकार का ‘‘चुनावी ऑफर’’ खत्म होने जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘फटाफट पेट्रोल टैंक फुल करवा लीजिए। मोदी सरकार का ‘चुनावी ऑफर’ ख़त्म होने जा रहा है।’’