पेट्रोल और डीजल के लिए अब उपभोक्ताओं को दो रुपये प्रति लीटर ज्यादा चुकाने पड़ेंगे, क्योंकि केंद्र सरकार ने दोनों ईंधनों के दाम पर उत्पाद शुल्क में एक रुपया और उपकर में एक रुपया प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में आम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल पर एक रुपया प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा सड़क और एक रुपया प्रति लीटर बुनियादी ढांचा उपकर बढ़ाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा, ‘कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट के कारण हमें पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क और उपकर की समीक्षा करने का मौका मिला है।’
अब तक पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 17.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.83 रुपये प्रति लीटर लागू था। दोनों अब एक-एक रुपया बढ़ जाएगा। इसके अलावा एक-एक रुपया प्रति लीटर उपकर के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम अब दो रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगे।
तेल विपणन कंपनियों ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में स्थिरता बनाए रखी।
इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में शुक्रवार को पेट्रोल के दाम पूर्ववत क्रमश: 70.51 रुपये, 72.75 रुपये, 76.15 रुपये और 73.19 रुपये प्रति लीटर रहे। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी पूर्ववत क्रमश: 64.33 रुपये, 66.23 रुपये, 67.40 रुपये और 67.96 रुपये प्रति लीटर बने हुए हैं।
पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क और अधिभार से महंगाई पर विशेष असर नहीं : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये की बढ़ोतरी किये जाने से महँगाई पर कोई विशेष असर नहीं होगा।
वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला आम बजट पेश करने के बाद श्रीमती सीतारमण ने यहाँ संवाददाताओं से कहा कि पिछले पाँच वर्षों में महंगाई नियंत्रित दायरे में रही है। अब भी यह लक्षित स्तर पर ही है।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कोई विशेष वृद्धि की संभावना नहीं है। इसके मद्देनजर इस बढ़तरी से महँगाई को लक्षित दायरे में रखने पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
श्रीमती सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के आम बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और एक-एक रुपये प्रति लीटर सड़क एवं बुनियादी ढाँचा उपकर लगाया है जो शनिवार से प्रभावी हो जायेगा।