धर्मेंद्र प्रधान ने लगातार दूसरी बार पेट्रोलियम मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद शुक्रवार को कहा कि इस दौरान देश में पेट्रोलियम और गैस उत्पादन बढ़ाने, राष्ट्रीय गैस ग्रिड के गठन काम में तेजी लाने और साझा बाजार-अनुकूल अवसंरचना तैयार करने पर जोर रहेगा।
प्रधान को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी भी दी गयी है। उन्होंने इस्पात मंत्री के रूप में चौधरी बीरेंद्र सिंह का स्थान लिया है।
इसके साथ ही प्रधान का सबसे लंबे समय तक देश का पेट्रोलियम मंत्री रहने का रिकार्ड बनना तय है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राम नाईक के बाद प्रधान एकमात्र पेट्रोलियम मंत्री हैं जिन्होंने पेट्रोलियम मंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। उन्हें अब दूसरे कार्यकाल में भी इस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी है। पहले कार्यकाल में निशुल्क एलपीजी गैस कनेक्शन वितरण की उज्ज्वला योजना से उन्होंने खूब नाम कमाया है।
दिवंगत मुरली देवड़ा जनवरी, 2006 से जनवरी 2011 तक पेट्रोलियम मंत्री रहे थे लेकिन उनका कार्यकाल संप्रग सरकार के दो कार्यकाल में बंटा हुआ था।
नरेंद्र मोदी ने दोबारा प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि पेट्रोलियम मंत्री के कार्यकाल की अवधि के मामले में वह नाईक और देवड़ा का रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
प्रधान ने पेट्रोलियम मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ”मोदी सरकार के पहले पांच साल में कई सुधार हुए हैं। इनमें तेल एवं गैस क्षेत्र में कई नयी पहल की गयी हैं। वे जारी रहेंगी और कई अन्य पहलों की शुरुआत होगी।”
उन्होंने कहा कि 2014-19 के दौरान किये गए सुधारों का असर अब देखने को मिलेगा। प्रधान ने कहा, ”साझा बुनियादी ढांचा, बाजार के अनुकूल अवसंरचना प्राथमिकता वाले क्षेत्र में शामिल रहेंगे।”
इस्पात मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को इस्पात को विकास का मजबूत स्तंभ करार दिया। प्रधान ने कहा, ”नरेंद्र मोदी ने इस्पात क्षेत्र का दायित्व मुझे दिया है, जिसे मैं जिम्मेदारी के साथ निभाऊंगा। इस्पात विकास का मजबूत स्तंभ है। हमें इस स्तंभ को नयी ऊंचाइयों तक ले जाना है।”
प्रधान ने कहा कि चौधरी बीरेंद्र सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर जैसे उनके पूर्ववर्ती मंत्रियों ने इस्पात क्षेत्र के लिए बहुत कुछ किया है और यह सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शामिल रहेगा।
पूर्व केंद्रीय भूतल परिवहन राज्य मंत्री देवेंद्र प्रधान के पुत्र धर्मेंद्र प्रधान राज्यसभा के सदस्य हैं।