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श्रीलंका से भारत तक खूनी कृत्यों में लिप्त हैं पीएफआई, जघन्य आतंकी घटनाओं में रहा हैं शामिल

चरमपंथी इस्लामिक आतंकी संगठन पीएफआई पर केंद्रिय गृहमंत्रालय ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया हैं। पीएफआई के दफ्तरों पर छापेमारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने संगठन के आतंकी संगठनों से संबंध पाए हैं। जिनके आधार पर गृहमंत्रालय ने पीएफआई व उससे जुड़े नौ संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है।

चरमपंथी इस्लामिक आतंकी संगठन पीएफआई पर केंद्रिय गृहमंत्रालय ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया हैं। पीएफआई के दफ्तरों पर छापेमारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने  संगठन के आतंकी संगठनों से संबंध पाए हैं।  जिनके आधार पर गृहमंत्रालय ने पीएफआई व उससे जुड़े नौ संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है।
पीएफआई देश को इस्लामिक प्रवृति में बदलने का मंसूबा पाले रखता हैं, इस्लामिक कट्टरता को बढ़ावा देने के लिए पीएफआई ने बड़ी संख्या में मुस्लिम नौजवानों की भर्ती की थी।  जिनको दिमागी रूप से आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाया गया। तेंलगाना के निजामाबाद में एजेंसियों ने पीएफआई के आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर छापा मारा था।  जंहा कराटे के नाम पर आतंकी ट्रेनिंग दे जाती थी।  पीएफआई ने भारत में इस्लामिक शासन लागू करने का रोडमैप तैयार कर रखा था।
पीएफआई के आतंकी भारत ही नहीं विदेशों में भी आतंकी वारदातों में शामिल रहे।  श्रीलंका में दो साल पूर्व ईस्टर पर भयंकर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें पीएफआई का नाम खुलकर सामने आया था। प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का स्वरूप ही पीएफआई हैं। सिमी के अधिकांश सदस्य पीएफआई के पदाधिकारी है।  
पीएफआई ने राजनीति में भी सीधा हाथ ना आजमाकर पीछे के दरवाजे से चुनाव लड़ने के लिए संगठन तैयार किए, जो आदिवासी व पिछड़े व दलित हिंदुओं को बड़े पैमाने पर बांटकर सियासी लकीर के साथ सत्ता में आना चाहता था। छापेमारी में जब्त दस्तावेजों में संगठन मजबूत व सेना व राजनीति में कैसे उन्नति पानी हैं इसका पूरा उल्लेख किया गया था। हिंदुओं के बीच मानसिक वैमनस्य पैदा कर उनकों अपनी ओर खींचना सबसे बड़ा कार्य था। सेना में अपनी घुसपैठ करने के लिए संविधान की आड़ में आरक्षण की बड़ी मांग की धारणा गड़ी गयी थी। पीएफआई ने अपने मुखपत्र में दुनिया को आतंक का प्रसार करने वाले ओसामा बिन लादेन को शहीद बताने की कोशिश की गयी हैं।   
किन जघन्य आतंकी घटनाओं में शामिल रहा हैं पीएफआई
1 पीएफआई कई धर्मातंरण की घटनाओं में शामिल रहा हैं, पीएफआई हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनकर शादी करने वाली लड़की की पैरवी करता है। पीएफआई ने केरल में कई  हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनने पर उनकी सहायता की, पीएफआई ने ही 2017में कई लड़कियों का धर्मांतरण इस्लाम में शामिल कराया था।  
2पीएफआई ने संसद में पारित सीएए एनआरसी कानून के खिलाफ अफवाह फैलाकर दंगे भड़काए जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी।  इस दौरान दंगा भड़काने के आरोप में पीएफआई के करीब 30 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।  
3श्रीलंका में 2019में ईस्टर बड़ा आतंकी हमला किया गया था, जिसमें करीब 240 लोगों की जान चली गई थी , इस घटना में पीएफआई का नाम खुलकर सामने आया था। 
4 दिल्ली दंगों में मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन के संबध से बताए गए , जिसको जांच के बाद स्पष्ट किया गय।  पीएफआई की साजिश के तहत ही मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन ने दिल्ली को दंगों की आग में झोंका था ताकि देश की विश्वस्तर पर छवि को ठेस पहुंचे।  
5पीएफआई कई बड़ी तस्करों में भी शामिल रहा हैं, केरल की सोने तस्करी में पीएफआई का नाम खुलकर सामने आया था।  जांच एजेंसियों ने इस तस्करी के बाद पैसा इक्ठठा करने के बाद मिले पैसा का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने का खुलासा किया था। 

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