केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दुनिया भर में पहचान मिल रही है, जबकि विपक्ष अपनी टिप्पणियों और आरोपों से संसद को बाधित कर रहा है। संसद में गतिरोध को दूर करने के प्रयासों के तहत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठकों में विपक्षी दलों के ना आने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ गोयल ने विपक्ष पर जगदीप धनखड़ से मिलने से इनकार कर बार-बार उनका अपमान करने का भी आरोप लगाया।
आरोप सदन के नेता की ओर से लगाया जा रहा है
गोयल ने कहा कि सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक में मंगलवार को भी कांग्रेस समेत कुछ दल शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि हालांकि वे अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई बैठक में मौजूद थे। कांग्रेस ने गोयल पर पलटवार करते हुए कहा कि यह आरोप सदन के नेता की ओर से लगाया जा रहा है, जिन्होंने अपने सांसदों से राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने से रोकने को कहा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के नेता खरगे जी को बोलने की अनुमति दी। वह अपनी बात रखने के लिए उठे, लेकिन भाजपा सांसदों ने नारेबाजी करके उन्हें बोलने नहीं दिया। इसके बाद सभापति ने राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।’’ उन्होंने सवाल किया कि यदि मोदी सरकार का ऐसा ही व्यवहार रहा, तो गतिरोध कैसे टूटेगा?
भाजपा की मांग से कैसे जोड़ा जा सकता है
एक अन्य ट्वीट में रमेश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी घोटाले की जेपीसी की विपक्ष की मांग को पूरी तरह निराधार आरोपों पर राहुल गांधी से माफी मांगने की भाजपा की मांग से कैसे जोड़ा जा सकता है। जेपीसी गठित करने की मांग एक वास्तविक घोटाले पर है। माफी की मांग अडाणी घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए उठायी जा रही है, जोकि एक धोखा है।’’ गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे समय में जब केंद्रीय बजट की चौतरफा प्रशंसा हो रही है, मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में पहचाना जा रहा है और भाजपा ने पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव जीते हैं, विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस और उसके सहयोगी देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
सुर्खियों में बने रहने के लिए तुच्छ हथकंडे अपना रहे हैं
राज्यसभा के सभापति द्वारा बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक और लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसद के बजट सत्र में जारी गतिरोध को दूर करने में कोई सफलता नहीं मिलने के बाद उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला। संसद परिसर के पहले तल से विपक्षी सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के बीच गोयल ने कहा कि वे सुर्खियों में बने रहने के लिए तुच्छ हथकंडे अपना रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई ठोस तर्क नहीं है। राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को दूर करने की पहल करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने विभिन्न दलों के नेताओं के साथ दो दौर की बैठक की। पहली बैठक में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बहिष्कार किया, जबकि दूसरी बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, द्रविड़ मुनेत्र कषगम जैसे विपक्षी दल तो आए, लेकिन कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुआ।