कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए AK-47 के लिए प्लास्टिक की गोलियां विकसित की गयी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए AK-47 के लिए प्लास्टिक की गोलियां विकसित की गयी

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CRPF ने कश्मीर घाटी में सड़कों पर होने वाले प्रदर्शनों और पत्थरबाजों से निपटने के लिए नई विकसित की हैं। पत्थरबाजों पर प्लास्टिक की गोलियां बरसाई जाएंगी। इन गोलियों को AK-47 से भी फायर किया जा सकता है। CRPF ने प्लास्टिक की 21 हजार गोलियां कश्मीर भेजी हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित और पुणे की आयुध फैक्ट्री में निर्मित इन गोलियों को एके श्रृंखला की राइफलों में भरा जा सकता है और ये विवादों में रहीं पैलेट गोलियों का विकल्प होंगी।

आपको बता दें कि एके-47 का नाम सुनते ही हर एक शख्‍स के मन में डर बैठ जाता है, क्योकि फोर्स उसको अपराधियों के खात्मे के लिए और अपराधी इसको जनता में अपना डर फैलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब यही एके-47 किसी और काम के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने बताया, ‘लेस लीथल हथियार यूज़ करने पर शोध किया गया और उसके लिए विभिन्न अल्टरनेटिव हमारे पास आए हैं। उसमें एक अल्टरनेट प्लास्टिक बुलेट का भी आया है। जो हमारे रेगुलर हथियार यानी AK 47 से फायर हो सकता है। पहले हम लोग जो नार्मल आर्म्स लेकर चलते थे, उससे लेस लीथल गोली फायर नहीं होती थी पर अब हमारे साथ जो आर्म्स हैं उसमें इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह लेस लीथल गोलियां हैं और न गोलियों का इस्तेमाल पत्थरबाजी के दौरान किया जा सकता है। इसको डीआरडीओ की तरफ से शोध करके बनाया गया है और इस तरह की गोली का इस्तेमाल करने के पीछे का कॉन्सेप्ट यह है कि जवान को अगर लॉ ऐंड ऑर्डर की सिचुएशन को संभालना है तो वह इसी हथियार से लेस लीथल गोली का इस्तेमाल कर सकता है। इस तरीके की 21000 गोलियां जम्मू-कश्मीर में भेजी गई हैं, जो पत्थरबाजी और क्राउड कंट्रोल को नियंत्रण करने में प्रयोग किया जाएगा। ‘

आपको बता दें कि जैसे ही प्लास्टिक की गोलियां एके-47 बंदूक से निकलेगी, वे कई टुकड़ों में बट जाएंगी और वही टुकडे उपद्रवियों और पत्थरबाजों के शरीर के हिस्सों में लगेंगे, जिससे उसकी जान को खतरा नहीं होगा, लेकिन उसे रुकना पड़ेगा।

कश्‍मीर भेजी गईं 21,000 गोलियां

फिलहाल ऐसी प्लास्टिक की 21000 गोलियां कश्मीर भेजी गई हैं। दंगा नियंत्रण के कार्य में सुरक्षाबलों ने पिछले तीन सालों में इसे विकसित करने का काम शुरू किया था जो कि इस साल पूरा हो चुका है और पहली बार जम्मू कश्मीर में एके-47 में प्लास्टिक की गोलियों का इस्तेमाल होगा।

इस गोली को देश के प्रतिष्ठित संस्थान डीआरडीओ की मदद से विकसित किया गया है और अब घाटी में पैलेट गन के अलावा ये प्लास्टिक की गोलियां भी इस्तेमाल की जा सकेंगी। दंगा नियंत्रण में इसकी सफलता को देखते हुए देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरीके से दंगा नियंत्रण का कार्य में प्रयोग किया जाएगा।

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