प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान को राष्ट्र को समर्पित किया। दूसरे आयुर्वेद दिवस के मौके पर नई दिल्ली के सरिता विहार में मोदी ने इसका उद्घाटन किया। इस संस्थान को एम्स की तर्ज पर बनाया गया है। इसे बनाने में 157 करोड़ रुपये की लागत आई है।
#Delhi: PM Narendra Modi to dedicate 1st ever All India Institute of Ayurveda to the nation on occasion of 2nd Ayurveda Day. pic.twitter.com/jvTgMeqMxf
— ANI (@ANI) October 17, 2017
इस मौके पर PM मोदी ने सभी को दिवाली की बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई भी देश विकास के लिए कितना प्रयत्न करे लेकिन अपने इतिहास को कभी नहीं भूलना चाहिए। इससे अपनी विरासत छोड़ कर आगे बढ़ने वालों की पहचान खत्म हो जाती है। PM मोदी ने कहा कि पहले के दौर में हमारा देश काफी समृद्ध था, हमारे पास जो श्रेष्ठ था उसको ध्वस्त करने में बाहरी लोग जुट गए थे। जब हमें गुलामी से मुक्ति मिली तो उसके बाद हम अपने इतिहास को सरंक्षित नहीं कर पाए। पिछले 3 साल में हमारी सरकार ने पुरानी विरासत को संजोने का काम कर रही है।
आगे मोदी ने कहा, आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धित नहीं है, इसके दायरे में सामाजिक स्वास्थ्य और सांस्कृतिक स्वास्थ्य भी आते हैं। पीएम ने कहा, सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि देश के हर जिले में आर्युवेद से जुड़ा अस्पताल हो। पीएम ने कहा कि जो लोग आज आयुर्वेद पढ़ कर निकलते हैं क्या सच में 100 प्रतिशत लोग इस में ही रहते हैं।
उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स में भी आयुर्वेद का विस्तार किया जा सकता है। उन्होंने कहा एआईआईए की स्थापना 10 एकड़ क्षेत्र में की गई है और इस पर 157 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पताल है और इसमें एक एकेडिमिक ब्लॉक भी है।
PM ने कहा देश के इस पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना आयुष मंत्रालय के तहत की गई है जो आयुर्वेद और इलाज के लिए अपनाए जा रहे मॉडर्न टेक्निक के बीच तालमेल बिठाने का काम करेगा।
#AyurvedaDay ? pic.twitter.com/uyAOGQAu01
— Ministry of AYUSH (@moayush) October 16, 2017