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PM मोदी ने विपक्ष पर किसान आंदोलन का दुरुपयोग करने का लगाया आरोप

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्ष पर अपना एजेंडा आगे बढ़ाने के लिये नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार अपने कटु आलोचकों समेत सभी से बातचीत के लिये तैयार है, लेकिन यह बातचीत ‘‘तर्कसंगत, तथ्यों और मुद्दों’’ पर आधारित होनी चाहिये।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्ष पर अपना एजेंडा आगे बढ़ाने के लिये नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार अपने कटु आलोचकों समेत सभी से बातचीत के लिये तैयार है, लेकिन यह बातचीत ‘‘तर्कसंगत, तथ्यों और मुद्दों’’ पर आधारित होनी चाहिये। 
एक ओर जहां मोदी ने केन्द्र और किसानों के बीच वार्ता में गतिरोध के लिये राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधा वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों से एक या दो साल के लिये ”प्रयोग” के तौर पर नए कृषि कानूनों का इस्तेमाल करने की अपील करते हुए कहा कि अगर ये लाभकारी सिद्ध नहीं हुए तो सरकार सभी जरूरी संशोधन करने के लिये तैयार है। 
उल्लेखनीय है कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच कृषि कानूनों को लेकर पांच दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। यूनियन सितंबर में लागू किये गए इन कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं। 
प्रधानमंत्री पीएम-किसान योजना के तहत नौ करोड़ किसानों को 18,000 करोड़ रुपये का कोष जारी करने के बाद बोल रहे थे। 
मोदी ने अपने भाषण में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब आंदोलन की शुरुआत हुई थी तब नये कानूनों को लेकर उनकी एमएसपी सहित कुछ वाजिब चिंताएं थीं लेकिन बाद में इसमें राजनीतिक लोग आ गए और हिंसा के आरोपियों की रिहाई और राजमार्गों को टोलमुक्त बनाने जैसी असंबद्ध मांगे करनी शुरू कर दीं। 
मोदी ने कहा, ‘‘आपने देखा होगा कि जब आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो उनकी मांग एमएसपी गारंटी की थी। उनके मुद्दे वाजिब थे क्योंकि वे किसान थे। लेकिन अब इसमें राजनीतिक विचारधारा के लोग हावी हो गए।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘एमएसपी वगैरह को अब किनारे रख दिया गया है। अब वहां क्या हो रहा है। वे हिंसा के आरोपियों की जेल से रिहाई की मांग कर रहे हैं…वे राजमार्गों को टोल-फ्री करवाना चाहते हैं। किसानों की मांग से वह दूसरी मांगों की ओर क्यों चले गए?’’ 
मोदी ने कहा कि देश की जनता ने जिन राजनीतिक दलों को नकार दिया है वे अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वार्ता के लिये खुले दिल से प्रदर्शनकारी किसानों के पास जा रही है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव में नकार दिये गए राजनीतिक दल किसानों को गुमराह करके अपना रानजीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं और सरकार पर निशाना साधने के लिये उनके कंधों का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि उनके पास इन कानूनों का तर्कों के आधार पर विरोध करने का कोई कारण नहीं है। 
मोदी के संबोधन प्रतिक्रिया देते हुए किसान यूनियनों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण किसानों को ”बांटने और गुमराह” करने का प्रयास प्रतीत होता है। 
राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा अपना एजेंडा आगे बढ़ाने के लिये आंदोलन का इस्तेमाल करने के प्रधानमंत्री के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि यूनियन ने कभी भी किसी राजनीतिक दल को अपना मंच इस्तेमाल नहीं करने दिया। 
इस बीच, किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नयी पेशकश पर विचार के लिए शुक्रवार को बैठक की। संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं। 
यूनियनों ने कहा कि शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी जिसमें ठहरी हुयी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा। 
किसानों को मनाने की कोशिशों के तहत अमित शाह, राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर और स्मृति ईरानी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों किसानों के साथ अलग-अलग बातचीत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और ये तीन कानून उनके हित में हैं और इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। 
राजनाथ ने द्वारका में एक रैली में कहा, ‘‘अभी एक या दो साल के लिए कृषि कानूनों को लागू करने दीजिए। इसे प्रयोग के तौर पर देखते हैं… मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इरादे को जानता हूं, और हम इसमें सभी आवश्यक संशोधन करेंगे।’’ 
शाह ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर एमएसपी और कानून के अन्य प्रावधानों के लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया। 
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष सरासर झूठ बोल रहा है। मैं फिर से दोहराता हूं कि एमएसपी जारी रहेगी और मंडियां कभी बंद नहीं होंगी। किसानों का कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त होगी और न ही आपकी जमीन कोई छीन सकता है। मैं किसानों को बताना चाहता हूं कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी कार्पोरेट आपकी जमीन नहीं छीन सकता, यह आपको भाजपा का वादा है।’’ 
ईरानी ने अमेठी में राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए उनपर कृषि कानूनों को लेकर किसानों से झूठ बोलने और गुमराह करने का आरोप लगाया। 
उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस अपनी सियासत चमकाने के लिए देश के किसानों के बीच भ्रम फैला रही है। कांग्रेस नए कृषि कानूनों के बारे में यह झूठ बोल रही है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था और मंडियों को समाप्त कर रही, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।’’ 
स्मृति ने गांधी परिवार पर तीखा हमला करते हुए कहा ”आज जो किसानों पर झूठे घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्हें गुमराह कर रहे हैं, उनके जीजा तमाम किसानों की जमीन हड़प कर बैठे हुए हैं।’’ उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाद्रा पर विपक्षी जमीन खरीद में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हैं जिसे वह बदले की कार्रवाई बता खारिज कर चुके हुए हैं। 

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