पीएम मोदी ने मंगलवार को नागपुर के तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत में विज्ञान भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला होना चाहिए। 21वीं सदी के भारत के पास डाटा और प्रौद्योगिकी चीजे बहुतायत में हैं दोनों स्तर पर विज्ञान को आसमान की बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है।
अगले 25 वर्षीय बाद भारत विज्ञान की ऊचाईयों पर होगा
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेज रफ्तार से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है और 25 साल बाद भारत जिस उचांईयों पर होगा उसमें भारत वैज्ञानिक शक्ति की अहम भूमिका होगी।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत का 40वां स्थान
मोदी ने कहा कि आज का भारत जिस वैज्ञानिक एप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, उसके परिणाम भी दिख रहे हैं। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 40वें स्थान पर पहुंचा। विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें नंबर पर आते थे लेकिन 2022 में हम 40वें नंबर पर पहुंच गए हैं।
महिलाओं की हिस्सेदारी से विज्ञान का भी सशक्तीकरण करें
प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान के प्रयास, बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं जब वह प्रयोगशाला से निकलकर जमीन तक पहुंचें। जब उसका प्रभाव ग्लोबल से लेकर ग्रासरूट तक हो, जब उसका विस्तार जर्नल्स से लेकर जमीन तक हो, जब उससे बदलाव रिसर्च से होते हुए रियल लाइफ में दिखने लगे। आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि विज्ञान के जरिए महिला सशक्तीकरण करें बल्कि महिलाओं की भागीदारी से विज्ञान का भी सशक्तीकरण करें। इस वर्ष के आईएससी का मुख्य विषय महिला सशक्तीकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी है।