प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर वेबिनार को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की ताकत को देखा है, हमें भारत निर्मित टीकों की बढ़ती मांग के लिए तैयार रहना होगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष के बजट में हेल्थ सेक्टर को जितना बजट आवंटित किया गया है, वो अभूतपूर्व है। ये हर देशवासी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कोरोना ने हमें ये सबक दिया है कि हमें सिर्फ आज ही महामारी से नहीं लड़ना है बल्कि भविष्य में आने वाली ऐसी किसी भी स्थिति के लिए भी देश को तैयार करना है इसलिए हेल्थ सेक्टर से जुड़े हर क्षेत्रों को मजबूत करना भी उतना ही आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भारत के हेल्थ सेक्टर ने जो मजबूती दिखाई है, अपने जिस अनुभव और अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, उसे दुनिया ने बहुत बारीकी से नोट किया है। आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भारत के हेल्थ सेक्टर पर भरोसा एक नए स्तर पर पहुंचा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को स्वस्थ रखने के लिए हम 4 मोर्चों पर एक साथ काम कर रहे हैं।
पहला - बीमारियों को रोकना ।
दूसरा - गरीब से गरीब को सस्ता और प्रभावी इलाज मुहैया करना। इसके लिए आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाएं काम कर रही हैं।
तीसरा -हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वालिटी और क्वांटिटी में बढ़ोतरी करना।
चौथा- समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना। मिशन इंद्रधनुष का विस्तार देश के आदिवासी और दूर-दराज के इलाकों तक किया गया है।
संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश से टीबी को खत्म करने के लिए हमने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है। टीबी भी संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्ससे ही फैलती है। टीबी की रोकथाम में भी मास्क पहनना, बीमारी का जल्दी पता लगाना और इलाज, सभी अहम हैं। केंद्र न केवल स्वास्थ्य सेवा में निवेश कर रहा है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि ऐसी सुविधाएं दूरस्थ क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराई जाएं। स्वास्थ्य सेवा में निवेश भी रोजगार के अवसरों को लाने पर केंद्रित है।