प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के दीक्षांत समारोह में आईपीएस प्रोबेशनर्स को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से उनके करियर को लेकर महत्वूपूर्ण टिप्स देते हुए बॉलीवुड की फिल्म ‘सिंघम’ का ज़िक्र किया। जिसपर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी।
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जो आपकी पार्टी से हैं कहते हैं ‘ठोक देंगे’, ‘बोली नहीं तो गोली’. आपकी सांसद गोडसे को देशभक्त कहती हैं और शहीद हेमंत करकरे की मौत का जश्न मनाती हैं। ऐसे में ये युवा अफसर आपकी बात को गंभीरता से कैसे लेंगे?
Uttar Pradesh CM from your party says “thok denge” & “boli nahi to goli”
Your MP calls Godse a deshbhakt & celebrates death of martyr Hemant Karkare
How are these young officers supposed to take you seriously? https://t.co/MDFY9lsRKY
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 4, 2020
दरअसल, प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन ‘सिंघम’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘कुछ पुलिस के लोग जब पहले ड्यूटी पर जाते हैं तो उनको लगता है कि पहले मैं अपना रौब दिखा दूं, लोगों को मैं डरा दूं। मैं लोगों में अपना एक हुकुम छोड़ दूं और जो ऐंटी सोशल एलिमेंट हैं वो तो मेरे नाम से ही कांपने चाहिए। ये जो सिंघम वाली फिल्में देखकर बड़े बनते हैं, उनके दिमाग में ये भर जाता है और उसके कारण करने वाले काम छूट जाते हैं।’
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के प्रति पुलिस के व्यवहार और अच्छे कामों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामान्य मानवीय पर प्रभाव पैदा करना है या सामान्य मानवीय में प्रेम का सेतु जोड़ना है, ये तय कर लीजिए। अगर आप प्रभाव पैदा करेंगे तो उसकी उम्र बहुत कम होती है, लेकिन प्रेम का सेतु जोड़ेंगे तो आप रिटायर हो जाएंगे तब भी जहां आपकी पहली ड्यूटी रही होगी वहां के लोग आपको याद करेंगे।