देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि देश के लिए उन्होंने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने के लिए सभी को साथ मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए।
I pay tributes to the great Swami Vivekananda on his Jayanti. His was a life devoted to national regeneration. He has motivated many youngsters to work towards nation building. Let us keep working together to fulfil the dreams he had for our nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2022
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। उनका जीवन राष्ट्रीय पुनरुद्धार को समर्पित रहा। राष्ट्र निर्माण के प्रति उन्होंने कई युवाओं को प्ररित किया। उन्होंने देश के लिए जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने के लिए हम साथ मिलकर काम करना जारी रखें।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘युवा दिवस’ की शुभकामनाएं दी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही देशवासियों को ‘युवा दिवस’ की शुभकामनाएं दी। शाह ने ट्वीट कर लिखा, ‘भारत के ज्ञान, संस्कृति और दर्शन को विश्वभर में दिग्विजय कराने वाले स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन व देशवासियों को ‘युवा दिवस’ की शुभकामनाएं। स्वामी जी के प्रगतिशील व प्रेरक विचारों को आत्मसात कर देश के युवा भारत को पुनः विश्व शिखर पर पहुंचा सकते हैं।’
हर भारतीय के प्रेरणास्रोत युगप्रवर्तक स्वामी विवेकानंद जी ने पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति के मूल्यों से पल्लवित किया व अपने प्रेरक विचारों से युवाओं में राष्ट्र निर्माण हेतु नई चेतना जागृत की।ऐसे महामानव की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन व सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं। pic.twitter.com/CLLJfoxxqi— Amit Shah (@AmitShah) January 12, 2022
मोदी ने कई बार कहा है कि
विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का कोलकाता में 12 जनवरी, 1863 में जन्म हुआ था और उन्हें वेदांत के विचारों को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है। मोदी ने कई बार कहा है कि उनके जीवन में विवेकानंद के विचारों का गहरा प्रभाव है। उन्होंने हाल में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की थी।
विवेकानंद ने इसे एक मुख्य धर्म के रूप में पहचान दिलाई
पश्चिमी देशों को वेदांत और योग के बारे में जाग्रत कराने का योगदान स्वामी विवेकानंद को ही जाता है। 19वीं शताब्दी में हिंदू धर्म का प्रचार करके स्वामी विवेकानंद ने इसे एक मुख्य धर्म के रूप में पहचान दिलाई। एक समाज सुधारक के तौर पर स्वामी विवेकानंद ने ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की, जो आज भी अपना काम कर रहा है।