प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद से मुकाबले, अर्थव्यवस्था, वैकल्पिक ऊर्जा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने में एससीओ देशों के बीच व्यापक सहयोग का आह्वान करते हुए क्षेत्र में शांति और आर्थिक समृद्धि के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यापक सहयोग के लिए उन्होंने ‘हेल्थ’ शब्द पर जोर दिया।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण हमारे बीच स्वस्थ सहयोग को मजबूत करना है। ‘हेल्थ’ शब्द का इस्तेमाल कर हम सहयोग के लिए अच्छा आदर्श बना सकते हैं।’’ मोदी ने ‘हेल्थ’ शब्द को विस्तार से बताया, ‘‘एच से हेल्थकेयर को-ऑपरेशन(स्वास्थ्य सुविधा सहयोग), ई से इकनॉमी को-ऑपरेशन (अर्थव्यवस्था सहयोग), ए से अल्टरनेट एनर्जी (वैकल्पिक ऊर्जा), एल से लेंग्वेज एंड लिटरेचर (साहित्य और संस्कृति), टी से टेररिज्म फ्री सोसाइटी (आतंकवाद मुक्त समाज) और एच से हयूमनिटेरियन कोऑपरेशन (मानवीय सहयोग)।’’
उन्होंने कहा कि एससीओ क्षेत्र और भारत का इतिहास, सभ्यता और संस्कृति हजारों वर्षों से आपस में जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक समय में बेहतर संपर्क के लिए हमारा साझा क्षेत्र समय की जरूरत है ।’’ मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तरी दक्षिण परिवहन कॉरिडोर, चाबहार बंदरगाह, असगाबट समझौते संपर्क पर भारत के फोकस को स्पष्ट करता है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन के चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, सुशासन, पारदर्शिता, व्यावहारिकता और स्थिरता संपर्क पहल का आधार होना चाहिए। लोगों के आपसी संपर्क का महत्व कम नहीं है। ’’
उन्होंने कहा कि एससीओ का सदस्य बने हुए भारत को दो साल हो चुके हैं और भारत ने एससीओ की गतिविधियों में सकारात्मक योगदान दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नौजवानों को एक दूसरे के साहित्य की पेशकश करने से हमारे संबंध मजबूत होंगे। भारत की 10 शीर्ष रचनाओं का एससीओ के सदस्य देशों की भाषाओं में अनुवाद होगा। ’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के प्रति कटिबद्ध है। आज भारत नवीकरणीय ऊर्जा का छठा सबसे बड़ा उत्पदक और सौर ऊर्जा का पांचवां बड़ा उत्पादक है। उन्होंने साथ ही कहा कि आतंकवाद के खतरे से मुकाबले के लिए देशों को अपने संकीर्ण दायरे से उठकर इसके खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद को प्रायोजित करने, सहायता करने और वित्त पोषण करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’’ इस शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी थे। उन्होंने कहा कि आपदा और मानवीय सहयोग की दिशा में भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है। मोदी एससीओ के दो दिवसीय सम्मेलन के लिए गुरुवार को किर्गिस्तान गणराज्य की राजधानी बिश्केक आए हैं ।