प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के पूर्व उपाध्यक्ष और लेखक आनंद शंकर पांड्या के निधन पर बृहस्पतिवार को शोक जताया और कहा कि वह भारत की प्रगति के लिए समर्पित थे और उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से समाज सेवा की। पांड्या का बुधवार रात मुम्बई के बोरली स्थित निवास पर निधन हो गया। मुम्बई के ही शिवाजी पार्क स्थित चैतन्य मोक्ष धाम में बृहस्पतिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी उम्र 99 साल से अधिक थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘आनंद शंकर पांड्या एक उत्कृष्ट लेखक और जन बुद्धिजीवी थे, जिन्होंने इतिहास, लोक नीति और आध्यात्मिकता पर विस्तार से लिखा है।
वह भारत की प्रगति के लिए समर्पित थे। वह विश्व हिन्दू परिषद में भी सक्रिय थे और उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से समाज सेवा की। उनके निधन से दुखी हूं।’’ प्रधानमंत्री ने पांड्या से हुए उनके संवाद और मुलाकातों को याद किया और कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानियों के साथ उनकी बातचीत और विभिन्न मुद्दों पर उनकी अंतर्दृष्टि के बारे में किस्से सुनना, मन को प्रसन्नता से भर देता था। मोदी ने पांड्या के परिजनों से भी बात की और संवेदना व्यक्त की। वर्ष 2005 में जब अशोक सिंघल विहिप के अध्यक्ष बने तब पांड्या को उपाध्यक्ष बनाया गया था। अनेक वर्षों तक वह विहिप के सलाहकार मंडल के सदस्य भी रहे।