बूंदाबांदी के चलते बने सुहावने मौसम में गुरुवार को रांची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लगभग चालीस से पचास हजार लोगों के साथ विभिन्न प्रकार के योगासन किये तथा दुनिया को संदेश दिया कि योग की कोई सरहद, जाति, संप्रदाय, रंग, धर्म या लिंग नहीं है बल्कि योग सबका है एवं सब योग के हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह साढ़े छह बजे से आठ बजे तक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लोगों से कहा, “योग की कोई सरहद नहीं है, इसका कोई रंग नहीं है, योग की कोई आयु नहीं है, इंसकी कोई जाति या धर्म भी नहीं है। योग सबका है और सब योग के हैं।”
PM मोदी ने दिया योग का मंत्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग से स्वास्थ्य उत्तम होता है और इसके लिये चार ‘प-कार’- पानी, पोषण, पर्यावरण एवं परिश्रम आवश्यक हैं। प्रधानमंत्री ने युवाओं के दिल की बीमारियों के चपेट में आने के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कहा, “योग इस बीमारी के रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकता है इसलिये इस साल की थीम ‘योग फॉर हार्ट’ (हृदय के लिये योग) रखी गई है।”
उन्होंने इस मौके पर कहा कि उनकी सरकार योग को पांच वर्षों में ड्राइंग रूम से बोर्ड रूम तक लेकर गई है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के साथ मंच पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मौजूद थे।
देर शाम रांची में हुई भारी बारिश के चलते मौसम सुहावना हो गया था और आज योग के कार्यक्रम के दौरान भी प्रधानमंत्री के भाषण के तुरंत बाद हल्की बूंदाबांदी हुई। योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गये।