प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक कर राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) की प्रगति की समीक्षा की और कहा कि यह योजना लोगों के जीवन को आसान बनाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने एनडीएचएम के तहत कामकाज के विस्तार के लिए तेजी से कदम उठाने का निर्देश दिया और कहा कि इस मंच का महत्व नागरिकों को तब दिखेगा जब उन्हें इसके तहत मिलने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में एनडीएचएम के शुभारंभ की घोषणा की थी। पीएमओ ने कहा, ‘‘तब से डिजिटल मॉड्यूल और रजिस्ट्री विकसित की गई हैं और छह केन्द्र शासित प्रदेशों में यह मिशन चलाया जा रहा है। अब तक लगभग 11.90 लाख स्वास्थ्य पहचान पत्र बनाए गए हैं और इस मंच पर 3106 चिकित्सकों और 1400 स्वास्थ्य केन्द्रों का पंजीकरण करा दिया गया है।’’
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीकी प्लेटफार्म और रजिस्ट्रियों का निर्माण भले ही अनिवार्य आवश्यक तत्व हैं लेकिन नागरिकों के लिए इस प्लेटफार्म की उपयोगिता एक डॉक्टर के साथ टेली परामर्श, एक जांच प्रयोगशाला की सेवाओं, जांच रिपोर्ट या स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से डॉक्टर को स्थानांतरित करने और उपरोक्त किसी भी सेवा के लिए डिजिटल रूप से भुगतान करने जैसी सेवाओं का लाभ उठाने में देश भर के नागरिकों को सक्षम बनाने के जरिए ही दिखाई देगी।
उन्होंने इस सिलसिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), स्वास्थ्य मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को मिल कर काम करने को कहा। पीएमओ ने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य से संबंधित एक मुक्त और अंतर-संचालित सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क तैयार किया जा रहा है जिसे यूनिफाइड हेल्थ इंटरफेस (यूएचआई) नाम दिया गया है।
यूएचआई सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में समाधान उपलब्ध कराएगा। यह उपयोगकर्ताओं को टेली-परामर्श या प्रयोगशाला जांच जैसी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को खोजने, उन्हें बुक करने और उनका लाभ उठाने की अनुमति देगा। साथ ही यह प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि केवल सत्यापित स्वास्थ्य सेवा प्रदाता ही इस तंत्र का हिस्सा हों। इसके द्वारा नवाचारों और विभिन्न सेवाओं के जरिए नागरिकों के लिए एक डिजिटल स्वास्थ्य तकनीक क्रांति लाये जाने की संभावना है।
इस प्रकार, पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों का और भी अधिक कारगर तरीके से उपयोग किया जा सकता है। बैठक में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित यूपीआई ई-वाउचर की अवधारणा पर भी चर्चा की गई।
बयान के मुताबिक, ‘‘डिजिटल भुगतान का यह विकल्प विशिष्ट उद्देश्य से जुड़े वित्तीय लेनदेन को सक्षम बनायेगा जिसका उपयोग केवल इच्छुक उपयोगकर्ता द्वारा किया जा सकता है। यह विभिन्न सरकारी योजनाओं के लक्षित और कुशल वितरण के लिए उपयोगी हो सकता है और यूपीआई ई-वाउचर का तत्काल उपयोग स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हो सकता है।’’