प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में कोविड-19 संकट को लेकर कहा कि इसका खतरा अभी तक खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा आज भी उतना ही है, जितना पहले था। लोग मास्क को लेकर कोताही नहीं बरतें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है, उसने, अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। आज, हमारे देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, साथ ही, हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफ़ी कम है ।”
पीएम मोदी ने कहा कि “कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। हमें बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। चेहरे पर मास्क लगाना या गमछे का उपयोग करना, दो गज की दूरी, लगातार हाथ धोना, कहीं पर भी थूकना नहीं, साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना – यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं।”
इस दौरान उन्होंने कहा कि “जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी महसूस होती हो, मन करता हो उतार देना है तो पल-भर के लिए उन डॉक्टरों का का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिये। आप देखिये वो मास्क पहनकर के घंटो तक लगातार, हम सबके जीवन को, बचाने के लिए जुटे रहते हैं।”
उन्होंने कहा कि “सकारात्मक एप्रोच से हमेशा आपदा को अवसर में, विपत्ति को विकास में बदलने में मदद मिलती है। हम कोरोना के समय भी देख रहे हैं, कि कैसे देश के युवाओं-महिलाओं ने टैलेंट और स्किल के दम पर कुछ नये प्रयोग शुरू किये हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कई women self help groups ने मधुबनी पेंटिंग्स वाले mask बनाना शुरू किया है, और देखते-ही-देखते, ये खूब लोकप्रिय हो गये हैं। ये मधुबनी मास्क एक तरह से अपनी परम्परा का प्रचार तो करते ही हैं, लोगों को, स्वास्थ्य के साथ, रोजगारी भी दे रहे हैं।”