प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बेंगलुरु में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की पांच युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया और वैज्ञानिक समुदाय को शोध के काम में सभी तार्किक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
यंग साइंटिस्ट््स लैबोरेट्रीज के उद्घाटन के मौके पर श्री मोदी ने कहा, ‘‘युवा भारत के भविष्य का गाथा लिखेंगे। यंग इंडिया के लिए यह दशक बहुत महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने वैज्ञानिकों को इन प्रयोगशालाओं का लाभ उठाते हुए श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा,‘‘आप लोगों को अनुसंधान पर आजादी से काम करने की छूट है और इस दौरान गलती होती है तो इस पर अफसोस नहीं करना चाहिए।’’
डीआरडीओ के अनुसार ये प्रयोगशालाएं 35 साल से कम उम्र के वैज्ञानिकों के लिए खुली हैं। देश के लिए उन्नत तकनीकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए इन प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया है। यह कदम भविष्य की प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान एवं विकास की नींव रखता है।
स्वदेशी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ने और उन्नत प्रौद्योगिकी से संबंधित अनुसंधानों को सक्षम बनाने के लिए इन प्रयोगशालाओं को बनाया गया है।
इन प्रयोगशालाओं में बेंगलुरु का लैब फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चेन्नई का काग्निटिव टेक्नोलॉजी, हैदराबाद का लैब फॉर मैटेरियल साइंस, मुंबई का लैब ऑन क्वांटम टेक्नोलॉजी और कोलकाता का एसमेट्रिक टेक्नोलॉजी शामिल है।