डोकलाम मुद्दे पर पिछले ढाई महीने से जारी गतिरोध समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आज चीन की यात्रा के लिए रवाना हो चुके है। वहां वे ब्रिक्स देशों के साथ वैश्विक आर्थिक स्थिति, वैश्विक आर्थिक प्रशासन, सुरक्षा, विकास के अलावा अतंरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे और संबंधों को गति प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल कहा था कि वह चीन में होने वाले आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि इसे शांति और सुरक्षा को बरकरार रखने और वैश्चिक चुनौतियों का निवारण करने में महत्वपूर्ण योगदान देना है। प्रधानमंत्री ने एक वक्तव्य में कहा था, ”मैं गोवा शिखर सम्मेलन के नतीजों के आधार पर आगे बढ़ने को उत्सुक हूं। मैं रचनात्मक चर्चा और सकारात्मक नतीजे के प्रति भी उत्सुक हूं जो चीन की अध्यक्षता में मजबूत ब्रिक्स भागीदारी के एजेंडा का समर्थन करेगा।”
At the BRICS Summit, looking forward to building upon the results & outcomes of the Goa Summit last year.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2017
बहरहाल, विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री 3 से 5 सितंबर तक चीन के दौरे पर जायेंगे। उनका फुजियान प्रांत के जियामिन में नौंवे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है। इसके बाद वह 5 सितंबर को म्यांमार पहुंचेंगे और 7 सितंबर को उनकी म्यामां यात्रा समाप्त होगी।
I will visit Myanmar for a bilateral visit from 5th to 7th September with an aim to further boost cooperation. https://t.co/p2AasHxox4
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2017
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पहली बार अतिथि देशों के रूप में पांच देशों को आमंत्रित किया गया है जिनमें थाईलैंड, मैक्सिको, मिस्र, तजाकिस्तान और गिनी शामिल हैं। 4 सितंबर को इन देशों से आए शासनाध्यक्षों या अतिथियों का स्वागत किया जायेगा। प्रधानमंत्री की चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे पर 72 दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हुआ है और दोनों देशों ने अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने पर सहमति जताई।
विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार सितंबर को ब्रिक्स देशों के शासनाध्यक्षों के बीच बैठक होगी जो खुला सत्र नहीं होगा। इस दौरान ब्रिक्स देशों के नेता वैश्विक आर्थिक स्थिति, वैश्विक आर्थिक प्रशासन, सुरक्षा, विकास के अलावा अतंरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा साझा विकास से जुड़े विषयों, लोगों से लोगों के स्तर पर सम्पर्क, सांस्कृति संबंधों को बढ़ावा देने तथा संस्थाओं के निर्माण के बारे में भी चर्चा हो सकती है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स कारोबारी परिषद के नेताओं की बैठक होगी।
इस दौरान ब्रिक्स कारोबारी परिषद के अध्यक्ष एक रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके अलावा न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष भी रिपोर्ट पेश करेंगे। इस दौरान कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किये जायेंगे जिनमें चार प्रमुख दस्तावेज शामिल हैं। इन दस्तावेजों में ब्रिक्स एक्शन एग्रीमेंट आन ट्रेड, ब्रिक्स इनोवेटिव कोआपरेशन, ब्रिक्स कस्टम कोआपरेशन के अलावा ब्रिक्स कारोबारी परिषद और न्यू डेवलपमेंट बैंक के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये जायेंगे।
शिखर सम्मेलन के दौरान 5 सितंबर को ”ब्रिक्स इमजिग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्री डायलग” विषय पर बातचीत होगी। उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स देशों में दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी शामिल है और कुल वैश्विक जीडीपी में इसका हिस्सा 21 प्रतिशत है और वैश्विक कारोबार में हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की यात्रा समाप्त करने के बाद म्यामां जायेंगे। भारत, म्यांमार के साथ आधारभूत ढांचा क्षेत्र, बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को उत्सुक है।
India wants to deepen cooperation with Myanmar in areas such as trade, investment, counter-terrorism, skill development, energy & culture.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2017
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी म्यांमार के राष्ट्रपति यू चिन क्वा के निमंत्रण पर 5 से 7 सितंबर तक म्यांमार के दौरे पर होंगे। यह मोदी की पहली द्विपक्षीय म्यांमार यात्रा होगी । इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में आसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने म्यांमार गए थे। म्यांमार दौरे के दौरान मोदी पारस्परिक हितों पर स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति क्वा से भी मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान म्यांमार से संबंधों को और गहरा बनाने पर चर्चा करेंगे।
इस अवसर पर विकास की परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के विषय पर चर्चा होगी और उनकी समीक्षा भी की जायेगी । इनमें काफी संख्या में ऐसी परियोजनएं हैं, जो लागू होने के उन्नत स्तर पर हैं और कुछ परियोजनाएं पूरा होने के करीब हैं । भारत, म्यामां के साथ आधारभूत ढांचा क्षेत्र, बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को उत्सुक है। अधिकारियों ने बताया कि भारत प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में म्यांमार के साथ सहयोग को और आगे बढ़ायेगा।