महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। देश को गुलामी से मुक्त कराने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। कृतज्ञ राष्ट्र आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को कभी भुला नहीं पाएगा।
Tributes to Shyamji Krishna Varma on his Jayanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2021
मोदी ने कहा कि वह खुद को धन्य महसूस करते हैं कि उन्हें 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए स्विट्जरलैंड से श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां भारत लाने और वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री के रूप में अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान उनकी पुनर्नियुक्ति का प्रमाणपत्र हासिल करने का सौभाग्य हासिल हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि आज के युवा श्यामजी कृष्ण वर्मा के साहस और उनकी महानता के बारे में जानें।’’
I consider myself blessed to have got the opportunity to bring back the ashes of Shyamji Krishna Varma back from Switzerland in 2003 and receive his reinstatement certificate during my UK visit in 2015. It is important that young India knows more about his courage and greatness. pic.twitter.com/WDoMN0BFmD
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2021
नायडू ने श्यामजी कृष्ण वर्मा को किया नमन
My tributes to the great nationalist Shyamji Krishna Varma on his Jayanti today. Displaying fierce patriotism, he turned India House into a focal point of revolutionary Indian nationalism in London. His thoughts and life continue to inspire us. pic.twitter.com/qIgV02qnjG
— Vice President of India (@VPSecretariat) October 4, 2021
नायडू ने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति के महान विद्वान और यूरोप में युवा क्रांतिकारियों के मार्गदर्शक श्यामजी कृष्ण वर्मा जी की जयंती पर उनकी पावन स्मृति को सादर नमन। उन्होंने इंग्लैंड में पढ़ने वाले भारतीय युवाओं के लिए इंडिया हाउस की स्थापना की जो यूरोप में भारतीय क्रांतिकारियों का प्रमुख केंद बन गया।’’
भारतीय संस्कृति के महान विद्वान और यूरोप में युवा क्रांतिकारियों के मार्गदर्शक श्यामजी कृष्ण वर्मा जी की जयंती पर उनकी पावन स्मृति को सादर नमन। आपने इंग्लैंड में पढ़ने वाले भारतीय युवाओं के लिए इंडिया हाउस की स्थापना की जो यूरोप में भारतीय क्रांतिकारियों का प्रमुख केंद्र बन गया।
— Vice President of India (@VPSecretariat) October 4, 2021
श्यामजी कृष्ण वर्मा का जन्म चार अक्टूबर, 1857 को गुजरात के कच्छ जिले के मांडवी गांव में हुआ था। ज्ञात हो कि 31 मार्च, 1930 को जिनेवा के एक अस्पताल में श्यामजी कृष्ण वर्मा का निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के कारण भारत नहीं लाया जा सका और वहीं उनकी अन्त्येष्टि कर दी गई। उनका दाह संस्कार कर उनकी अस्थियों को जिनेवा की सेंट जॉर्ज सिमेट्री में सुरक्षित रख दिया गया था। गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद मोदी 2003 में जिनेवा गए और वर्मा की अस्थियां लेकर भारत आए।