प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित और भारत के लिए पटेल के चिरस्थायी योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं सरदार पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भारत में उनके चिरस्थायी योगदान को याद करता हूं, विशेष रूप से हमारे राष्ट्र को एकजुट करने और सर्वांगीण विकास को गति देने में।
I pay homage to Sardar Patel on his Punya Tithi and recall his everlasting contribution to India, especially in uniting our nation and giving impetus to all-round development.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 15, 2022
भारत के पहले गृह मंत्री पटेल को राष्ट्र में सैकड़ों रियासतों के विलय का नेतृत्व करके देश को एकजुट करने का श्रेय दिया जाता है। उनका निधन 15 दिसंबर 1950 हुआ था।
पटेल को सरदार की उपाधि कैसे मिली?
महात्मा गांधी ने द बारडोली सत्याग्रह में अपने महान संगठनात्मक कौशल के लिए वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि दी। यह संघर्ष के दौरान था और बारडोली सत्याग्रह में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जीत के बाद, पटेल को पहले सरदार के रूप में जाना जाने लगा।
सरदार वल्लभभाई पटेल क्यों थे प्रसिद्ध ?
भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिए उन्हे भारत का ‘लौहपुरुष’ के रूप में जाना जाता है। सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना। विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति ऐसा न हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो।