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पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के समक्ष उठाया एच-1बी वीजा का मुद्दा : श्रृंगला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पहली आमने-सामने की बैठक में अमेरिका में भारतीय समुदाय से जुड़े कई मुद्दों को उठाया, जिसमें भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में पहुंच और एच -1 बी वीजा का मुद्दा शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पहली आमने-सामने की बैठक में अमेरिका में भारतीय समुदाय से जुड़े कई मुद्दों को उठाया, जिसमें भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में पहुंच और एच -1 बी वीजा का मुद्दा शामिल है। 
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ ओवल कार्यालय में अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक को “शानदार” बताया, जिन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध ‘‘मजबूत, करीबी और घनिष्ठ’’ होने के लिए नियत हैं। प्रधानमंत्री और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन तथा जापानी समकक्ष योशीहिदे सुगा ने भी शुक्रवार को अमेरिकी राजधानी में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन द्वारा आयोजित क्वाड नेताओं की बैठक में भाग लिया। 
श्रृंगला ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी) अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के लिए पहुंच प्राप्त करने के मुद्दे पर बात की। उस संदर्भ में उन्होंने एच-1बी वीजा का जिक्र किया।’’ सबसे अधिक मांग वाला एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए इस पर निर्भर हैं। 
श्रृंगला ने कहा, ‘‘उन्होंने इस तथ्य के बारे में भी बात की कि यहां काम करने वाले कई भारतीय पेशेवर सामाजिक सुरक्षा में योगदान करते हैं। अमेरिका में उन योगदानों का लाभ कुछ ऐसा है जो भारतीय श्रमिकों की संख्या को प्रभावित करता है।’’ 
व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक तथ्य पत्र में बाद में कहा गया कि अमेरिका को 2021 में अब तक भारतीय छात्रों को रिकॉर्ड 62,000 वीजा जारी करने पर गर्व है। अमेरिका में लगभग 2,00,000 भारतीय छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सालाना 7.7 अरब अमरीकी डालर का योगदान करते हैं। 
दुनिया भर में फुलब्राइट कार्यक्रम की 75वीं वर्षगांठ मनाया जा रहा है, यह कार्यक्रम भारत में शुरू होने के बाद से 71 वर्षों से अमेरिकियों और भारतीयों को एकसाथ ला रहा है। इसने कहा, ‘‘2008 में, हमने अमेरिका के साथ इन फेलोशिप को संयुक्त रूप से निधि देने के भारत के निर्णय का स्वागत किया और कार्यक्रम का नाम बदलकर फुलब्राइट-नेहरू फेलोशिप प्रोग्राम कर दिया। इस कार्यक्रम के तहत 20,000 से अधिक फेलोशिप और अनुदान प्रदान किए गए हैं और अमेरिका इन सफलताओं के निर्माण के लिए तत्पर है।’’ 
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘साझेदारी 2020 कार्यक्रम आर्थिक विकास और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा सहयोग को बढ़ावा देना जारी रखे हुए है। ओमाहा में नेब्रास्का विश्वविद्यालय के सहयोग से, यह कार्यक्रम उन्नत इंजीनियरिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिका और भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच 15 अनुसंधान साझेदारियों को निधि देता है।’’ 
व्हाइट हाउस के अनुसार, विदेश विभाग, यूएसएआईडी, यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के बीच एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी- ‘यूएस-इंडिया एलायंस फॉर विमेन्स इकोनॉमिक एम्पावरमेंट की आगामी शुरुआत सहयोग को उत्प्रेरित करने में मदद करेगी। यह भारत में महिलाओं के आर्थिक लचीलेपन और सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगी। 
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी वित्त पोषित नेक्सस स्टार्टअप और इनोवेशन हब अमेरिकी और भारतीय उद्यमशीलता नवाचार और प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। नेक्सस उद्यमियों, इनोवेटर्स, फैकल्टी, उद्योग इकाइयों और भारतीय स्टार्टअप और स्थानीय उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में रुचि रखने वाले वित्तपोषण संगठनों के लिए एक केंद्रीय केंद्र के रूप में कार्य करता है।’’ 
2016 के बाद से नेक्सस के 138 स्नातकों ने बाहरी वित्तपोषण में 1.9 करोड़ अमरीकी डालर से अधिक जुटाए हैं और कई प्रमुख भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के साथ 70 से अधिक सौदे किए हैं। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन महासागर और मत्स्य विज्ञान, मौसम विज्ञान और पृथ्वी अवलोकन जैसे क्षेत्रों में भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर काम करता है, जो हमें जलवायु परिवर्तन को बेहतर ढंग से समझने और बेहतर मौसम मॉडलिंग और सूचना साझा करने के माध्यम से जीवन बचाने में मदद करता है।’’ 
इसने कहा, ‘‘अमेरिकी कृषि विभाग फसलों, पशुधन और मत्स्य पालन पर रणनीतिक अनुसंधान के माध्यम से कृषि से संबंधित जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर है।’’ यूएसएड भारत सरकार के साथ अमेरिका-भारत गांधी-किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन की स्थापना के लिए काम करने के लिए उत्सुक है ताकि दोनों दूरदर्शी नेताओं का सम्मान करने वाली पहल और आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जा सके। 

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