प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन का दौरा कर भारत लौट रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को यूक्रेन की राजधानी कीव से एक वीडियो जारी कर इसकी जानकारी दी।
यूक्रेन का ऐतिहासिक दौरा कर भारत लौट रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन का ऐतिहासिक दौरा कर भारत लौट रहे हैं। यह पहली बार है जब पीएम मोदी यूक्रेन के दौरे पर आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन दौरे की शुरुआत महात्मा गांधी को नमन करके की।
यूक्रेन में बापू की प्रतिमा पर पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित की
उन्होंने बताया कि यूक्रेन के बाग में बापू की एक प्रतिमा है, जहां पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनका संदेश लोगों को याद दिलाया। इसके बाद शुक्रवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच मुलाकात हुई।
भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा
बता दें कि 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूक्रेन के एक दिवसीय दौरे के दौरान वहां के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने उनका स्वागत किया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन में शांति और सुरक्षा को लेकर भी बातचीत की।
भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत 'तटस्थ या उदासीन दर्शक' नहीं रहा और हमेशा शांति के पक्ष में रहा।
रक्षा विशेषज्ञ यूके देवनाथ ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात को विश्व के लिए बड़ा संदेश बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय मुलाकात से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होगा। विश्व पटल पर रूस के साथ और दुनिया के बाकी देशों के साथ बातचीत की संभावना को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के माध्यम से रूस से युद्ध का समाधान निकालने की ओर अग्रसर होंगे।
भारत न तो रूस की तरफ झुका हुआ है और न ही पश्चिमी देशों की तरफ झुका हुआ है – पीएम मोदी
पीएम मोदी के यूक्रेन और पोलैंड दौरे के बाद पश्चिमी देशों समेत अमेरिका भी आश्वस्त हो गया है कि भारत यूक्रेन के साथ भी मिलकर आगे बढ़ रहा है। यानि भारत न तो रूस की तरफ झुका हुआ है और न ही पश्चिमी देशों की तरफ झुका हुआ है। सभी देशों को पता चल गया है कि विश्व के राजनीतिक पटल पर भारत वही रास्ता अपनाएगा, जो भारत और विश्व के लिए बेहतर है।