प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के टीके के विकास कार्य की समीक्षा के लिए शनिवार को अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे का दौरा किया। उन्होंने अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘वैज्ञानिकों ने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री ने उनके साथ मुलाकात कर उनके साहस को बढ़ाया और टीका विकास के इस महत्वपूर्ण चरण में उनके प्रयासों में तेजी लाने के लिए उत्साहवर्धन किया।’’
बयान में बताया गया, ‘‘प्रधानमंत्री को इस बात से गौरव हुआ कि भारत का स्वदेशी टीका विकास इतनी तेजी से आगे बढ़ा है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत किस तरह से टीका विकास के इस पूरी यात्रा में विज्ञान के ठोस सिद्धांतों का पालन कर रहा है, साथ ही उन्होंने टीका वितरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के सुझाव भी मांगे।’’
बयान के मुताबिक मोदी ने जोर दिया कि भारत टीका को न केवल अच्छे स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानता है बल्कि वैश्विक स्तर पर बेहतरी के लिए भी इसे जरूरी समझता है और वायरस के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में यह भारत का दायित्य है कि वह अपने पड़ोसी देशों सहित अन्य देशों का भी सहयोग करे। बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने (मोदी) वैज्ञानिकों से कहा कि वे अपना मुक्त एवं स्वच्छंद विचार प्रकट करें कि देश अपने नियामक प्रक्रिया को और किस तरह से बेहतर बनाए।
वैज्ञानिकों ने उन्हें बताया कि किस तरह से वे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में विभिन्न नयी दवाओं का विकास कर रहे हैं।’’ मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत अहमदाबाद के नजदीक दवा कंपनी जाइडस कैडिला के संयंत्र के दौरे के साथ की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अहमदाबाद में जाइडस बायोटेक पार्क का दौरा किया और जाइडस कैडिला द्वारा विकसित किये जा रहे डीएनए आधारित स्वदेशी टीके के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की। मैंने इस कार्य में लगी टीम के प्रयासों के लिए उसकी सराहना की।
भारत सरकार इस यात्रा में उनका सहयोग करने के लिए उनके साथ सक्रियता से काम कर रही है।’’ प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद से करीब 20 किमी दूर स्थित जाइडस कैडिला के चांगोदर औद्योगिक क्षेत्र स्थित अनुसंधान केंद्र में टीके के विकास की प्रक्रिया की समीक्षा की। इस दौरान मोदी ने पीपीई किट पहन रखी थी। एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री दिल्ली से करीब नौ बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचे, जहां से वह जाइडस कैडिला के संयंत्र गए।
उन्होंने वहां कंपनी के प्रमोटरों और अधिकारियों से बात की। उल्लेखनीय है कि जाइडस कैडिला ने कोविड-19 के खिलाफ जाइकोव-डी नामक संभावित टीके का विकास किया है जिसके पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण पूरा हो चुका है। कंपनी ने अगस्त में दूसरे चरण का परीक्षण शुरू किया है। एक अधिकारी के अनुसार कंपनी के अधिकारियों ने संयंत्र में टीका विकास कार्यों के बारे में मोदी को विस्तार से जानकारी दी। उन्हें टीका उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी दी गयी।
प्रधानमंत्री ने वहां वैज्ञानिकों और टीका के विकास से जुड़े लोगों से बातचीत की। जाइडस कैडिला के अध्यक्ष पंकज पटेल ने हाल ही में कहा था कि कंपनी का उद्देश्य मार्च 2021 तक टीके का परीक्षण पूरा करना है और वह एक साल में 10 करोड़ तक खुराक का उत्पादन कर सकती है।
मोदी करीब एक घंटे तक संयंत्र में रहे। इसके बाद वह हवाईअड्डे के लिए निकले और वहां से 11.40 बजे हैदराबाद रवाना हो गए। मोदी हैदराबाद के नजदीक हकीमपेट वायु सेना हवाई अड्डे पर दोपहर करीब एक बजे पहुंचे। हैदराबाद के हकीमपेट वायु सेना हवाई अड्डे पर उतरने के बाद तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार, पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री वायु सेना हवाई अड्डे से करीब 20 किलोमीटर दूर जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक की इकाई गए। भारत बायोटेक कोविड-19 की रोकथाम के लिए संभावित टीके कोवैक्सिन का विकास भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान के साथ मिलकर कर रहा है, जिसके तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है।
हैदराबाद में जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक की बीएसएल-3 (जैव-सुरक्षा स्तर 3) इकाई में टीके का विकास किया जा रहा है और यहीं इसका उत्पादन किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से कोवैक्सिन के बारे में जानकारी प्राप्त की।
घंटे भर के दौरे के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हैदराबाद में भारत बायोटेक कंपनी में कोविड-19 के स्वदेशी टीके के बारे में जानकारी मिली। वैज्ञानिकों को अभी तक किए गए परीक्षण में प्रगति के लिए बधाई। उनकी टीम आईसीएमआर के साथ निकटता से काम कर रही है।’’ कंपनी से बाहर निकलने के बाद मोदी मुख्य द्वार पर अपने वाहन से उतर गए और मीडियाकर्मियों तथा पास खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
मोदी तीन बजकर 30 मिनट पर पुणे के लिए रवाना हो गए और वहां वह साढ़े चार बजे पहुंचे। हैदराबाद से पुणे हवाई अड्डे पर शाम करीब साढ़े चार बजे पहुंचने के बाद मोदी हेलीकॉप्टर से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के लिए रवाना हुए।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में मोदी ने वैज्ञानिकों से बातचीत की और वहां टीका विकास पर चल रहे कामकाज का जायजा लिया। सीआईआई में मोदी का स्वागत डॉ. साइरस पूनावाला ने किया जो पूनावाला समूह के अध्यक्ष हैं। उनके बेटे और एसआईआई के सीईओ आदर पूनावाला ने भी मोदी का स्वागत किया।
उन्होंने मोदी को एसआईआई द्वारा किए जा रहे कार्यों से अवगत कराया। मोदी ने पूनावाला पिता-पुत्र, वैज्ञानिकों और अन्य अधिकारियों से बातचीत की जिन्होंने उन्हें टीके की प्रगति के बारे में बताया। एसआईआई का दौरा करने के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में टीम के साथ अच्छी वार्ता हुई।
उन्होंने अभी तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी को साझा किया कि किस तरह से वे आगे टीका निर्माण को तेज करने की योजना बना रहे हैं। उनके निर्माण संयंत्र को भी देखा।’’ टीके के विकास के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैश्विक दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी की है। एक अधिकारी ने बताया कि मोदी शाम छह बजे पुणे हवाई अड्डे के लिए रवाना हुए जहां से वह छह बजकर 25 मिनट पर दिल्ली के लिए रवाना हो गए।