राज्यसभा के 72 सांसद आज सदन से रिटायर हो गए हैं। इन नेताओं में कपिल सिब्बल, पी. चिदंबर, जयराम रमेश, एके एंटनी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, आरसीपी सिंह और सुब्रमण्यन स्वामी जैसे कई दिग्गज नेता शामिल हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने सेवानिवृत्त सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए उनसे आग्रह किया कि वह अपने अनुभवों को चारों दिशाओं में ले जाएं और अपने योगदानों को कलमबद्ध कर देश की भावी पीढ़ी को प्रेरित करें।
प्रधानमंत्री ने विदाई भाषण में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की तो अपनी सीमाएं होती हैं, वह सम्मेलनों में काम भी आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त होता है, उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। उन्होंने कहा कि अनुभव से गलतियों में कमी आती है।
…..लौट कर आना
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदिवारियों में बिताया है। इस सदन में हिंदुस्तान की कोने-कोने की भावनाओं का प्रतिबिंब, वेदना और उमंग सबका एक प्रवाह बहता रहता है। मैं रिटायर हो रहे सदस्यों से कहूंगा कि लौट कर आना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भले हम इन चार दीवारों से निकल रहे हैं लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं। चारों दीवारों में पाया हुआ सब कुछ चारों दिशा में ले जाएं।’’ प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो उसे जरूर कलमबद्ध करें।
स्मृतियों को कहीं ना कहीं लिखें
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं चाहूंगा उन स्मृतियों को आप कहीं ना कहीं लिखें ताकि कभी न कभी वह आने वाली पीढ़ियों के काम आए। हर किसी ने कुछ न कुछ कोई योगदान दिया होगा, जिसने देश को दिशा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभायी होगी। हम इसको अगर संग्रहित करेंगे तो हमारे पास एक मूल्यवान खजाना होगा।’’
देश की आजादी के 75 साल के अवसर पर मनाए जा रहे ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया है, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में अपना योगदान दें। उन्होंने सदस्यों से कहा, ‘‘आपके इस योगदान से देश को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी। देश को लाभ मिलेगा। मैं सभी साथियों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं।’’